पशु पक्षियों की सेवा से बढक़र नहीं है कोई भी धर्म : श्री राधे गुरू माँ
कहा, तर्क-वितर्क से नहीं सच्ची श्रद्धा-विश्वास व आस्थापूर्ण समर्पण से प्राप्ति होती है भगवान की
मुकेरियां,(राजदार टाइम्स): श्री राधे माँ चैरिटेबल सोसाईटी दिल्ली की तरफ से श्री राधे माँ के आशीर्वाद से मनकोटिया फार्म में जरूरतमंद परिवारों के लिए राशन वितरण समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में लगभग 4 हजार जरूरतमंद परिवारों को राशन वितरण किया गया। जिसमे श्री राधे माँ विशेष रूप से उपस्थित हुई। जिनका पुष्प वर्षा करते हुए बाजे गाजो के साथ संगत द्वारा भव्य स्वागत किया गया। भगतों को आशीर्वाद देते हुए श्री राधे गुरू माँ ने सरल, सरस और मधुर शब्दों में जनमानस को छल, कपट, द्वेष से दूर रहने व प्रभु का ध्यान करने का संदेश देते हुए कहा कि प्रभु को पाने का सबसे सरल उपाय है-माता-पिता, गुरु एवं अतिथि का सच्चे दिल से सम्मान करना और जरुरतमंदों की मदद करना। पशु-पक्षियों की सेवा से बढक़र कोई भी धर्म नहीं है। उन्होंने कहा कि तर्क-वितर्क से नहीं सच्ची श्रद्धा-विश्वास आस्थापूर्ण समर्पण से भगवान की प्राप्ति होती है। गुरु माँ भक्तों को सत्य और सनातन संस्कृति के प्रति जागरूक करती हैं। भक्तों पर अपने स्नेह व आशिर्वाद को न्यौछावर करती हैं। ज्ञात हो कि ममतामयी श्री राधे गुरु माँ के मार्गदर्शन में पिछले तीन दशकों से सालभर विभिन्न अवसरों पर जरूरत के अनुसार सीमित साधनों वाले परिवारों को खाद्य सामग्री, स्वास्थ्य जांच हेतु मेडिकल कैंप, दवाएँ, घरेलू उपकरण, विद्यार्थियों की मदद, किया जाता है। स्वच्छता अभियान, आदिवासी क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना, गरीब और असहाय स्त्रियों को सिलाई मशीन जैसे साधन उपलब्ध कराना, गरीब कन्याओं के शिक्षा और विवाह में मदद, सनातन धर्म एवं संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु कार्यक्रम करना, लोगों में देश भक्ति की भावना हेतु कार्यक्रम और अन्य यथा संभव योगदान करते रहते हैं। इस समय पर महंत बलदेव दास महाराज, रुपिंदर कश्यप, राजीव गुप्ता, टल्ली बाबा, मेगा, राजी मासी, संजीव गुप्ता, पूर्व मंत्री अरुणेश शाकर, मंगलेश कुमार जज, डॉ.सुशील सहगल, छोटी माँ, चन्द्र मोहन शर्मा, पम्मा पहलवान, मोहन सिंह, विजय शर्मा, योग राज शर्मा, राजेश वर्मा, दविंदर महाजन, विकास मनकोटिया, संदीप मन्हास, सुमन मंगल, सोनी शर्मा, पार्षद हरमिंदर कौर, पार्षद विनोद कुमार लाडी के अलावा भारी संख्या में संगत उपस्थित थी।