हिम्मत है तो भगवंत मान हरियाणा की बीजेपी सरकार की तरह 24 फसलें MSP पर खरीदने का करें ऐलान: हरजीत सिंह गरेवाल
चंडीगढ़,(राकेश राणा): भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व वरिष्ठ नेता हरजीत सिंह गरेवाल ने पंजाब की आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत मान को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें या उनकी सरकार में हिम्मत है तो वह हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी की सरकार की तरह पंजाब में भी किसानों की फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने का सरकारी नोटीफिकेशन जारी करें। ज्ञात रहे कि पंजाब की हरियाणा सीमा से सटे शंभू बॉर्डर (अंबाला) और खनौरी बॉर्डर (जींद) पर किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी लेने के लिए धरने-प्रदर्शन पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब की सत्ता हासिल करने के लिए जहाँ पंजाब की आम जनता से झूठे वादे किए। जिन्हें आज तक पूरा नहीं किया गया, वहीं अरविन्द केजरीवाल तथा मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को कई तरह के लालच जैसे राज्य सरकार की तरफ से फसलों की एमएसपी देने, किसानों का पूरा कर्ज माफ़ी, फसल खराब होने पर पूरा मुआवजा आदि सहित कई झूठी गारंटीयां देकर उन्हें केंद्र की मोदी सरकार के विरुद्ध धरने-प्रदर्शन के लिए उकसाया ताकि वह धरने पर बैठे रहें। इतना ही नहीं केंद्र सरकार के किसानों द्वारा लगाये गए धरने को आम आदमी पार्टी तथा कांग्रेस की पूरी सपोर्ट रही। जिसमें कई बेक़सूर किसान भाइयों को अपनी जान भी गवानी पड़ी, जिसका मुआवजा भी पंजाब सरकार द्वारा किसानों के पीड़ित परिवारों को नहीं दिया गया। आम आदमी पार्टी द्वारा दिए गए धोखे निराश किसान बार-बार पंजाब सरकार के विरुद्ध कई बार चंडीगढ़ की तरफ जाने वाले रास्तों को रोक कर धरने-प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। हरजीत सिंह गरेवाल ने कहा कि हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी की मुख्यमंत्री नायब सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने हरियाणा के किसानों को नव-वर्ष का तोहफा देते हुए हरियाणा राज्य की 24 फसलों को एमएसपी पर खरीद की गारंटी भाजपा सरकार ने दे दी है। जिसके लिए हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ.राजा शेखर वुंडरू ने 24 फसलों की एम.एस.पी पर खरीद के लिए सरकारी अधिसूचना जारी कर दी है।ज्ञात रहे कि हरियाणा में सरकारी एजेंसियां पहले से एमएसपी पर 14 फसलें खरीद रही हैं और अब 10 और फसलों को एमएसपी पर खरीदेंगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 24 फसलों की दी गई एमएसपी में वहां की रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा, ग्रीष्म मूंग, धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उर्द, अरहर, तिल, कपास, मूंगफली, गेहूं, सरसों, चना, मसूर, सूरजमुखी और गन्ना आदि फसलें शामिल की गई हैं। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी. आई), भारतीय कपास निगम (सी.सी.आई), भारतीय जूट निगम (जेसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सी.डब्ल्यू.सी), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एन.सी.सी.एफ) विभिन्न फसलों की खरीद करती हैं। गरेवाल ने कहा कि विशेष बात यह कि हरियाणा में रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जूट और खोपरा जैसी फसलें नहीं बोई जाती हैं, फिर भी इन्हें प्रदेश की भाजपा सरकार ने इन्हें सूचीबद्ध फसलों में शामिल करके एमएसपी जारी कर दिया है। मक्का की कीमत आमतौर पर एमएसपी से अधिक होती है। हालांकि, प्रदेश सरकार ने 2018-19, 2020-21 और 2021-22 में मक्का खरीदा था।सरकारी एजेंसियों ने कभी जौ नहीं खरीदा, क्योंकि बाजार मूल्य आमतौर पर निर्धारित एम.एस.पी से अधिक होता है। इसी तरह अरहर, उर्द, तिल, ज्वार की कीमतें भी एम.एस.पी से ऊंची बनी हुई हैं। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से ही एमएसपी पर फसलों की खरीद की जाएगी। उन्होंने पंजाब की भगवंत मान सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि हरियाणा में किसानों की सभी फसलें एम.एस.पी पर खरीदी जा रही हैं, तो पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी किसानों को सशक्त बनाने के लिए फसलों को एमएसपी पर खरीदने की घोषणा कर उसका नोटिफिकेशन जारी करें। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान भारी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसलिए पंजाब सरकार को घोषणा करनी चाहिए कि किसानों की उपज एम.एस.पी पर खरीदेंगे।