मुकेरियां,(राजदार टाइम्स): स्वामी प्रेमानंद महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉक्टर समीर शर्मा के दिशा निर्देशों व अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्षा तथा वेबिनार की संयोजक प्रो.निधि सूद के नेतृत्व में एकेडमिक लेखन विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें कई राज्यों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस गोष्ठी का प्रारम्भ अंग्रेजी विभाग की अध्यक्षा तथा इस गोष्ठी की संयोजक प्रो.निधि सूद ने सभी विद्वतसमुदाय के स्वागत से किया और गोष्ठी के विषय को भी उपस्थापित किया। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.समीर शर्मा ने संगोष्ठी की मुख्य वक्ता प्रो.पुष्पिंदर सयाल, अंग्रेजी विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ का स्वागत किया। उन्होंने अंग्रेजी विभाग को उनके  वेबिनार आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि लेखन कला साहित्यिक के लिये उसके प्राण समान है। वह लेखन से अपनी कृति में प्राण डाल देता है। लेखन शैली पर यह वेबिनार सभी श्रोताओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। इस गोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो.पुष्पिंदर सयाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि शोध पत्रिकाओं के लेख पढऩे से न केवल हमारे शब्दकोश में वृद्धि होती है, अपितु हमें शोध संबंधी नई दिशा का भी ज्ञान होता है। शोध लेखन में सुनियोजित रूप से लेखन द्वारा हम प्लेगरिजम से भी बच सकते हैं। उन्होंने एकेडमिक लेखन को शोध लेखन का एक महत्त्वपूर्ण अंग बताया। अंत में प्रतिभागियों द्वारा उनसे कुछ प्रश्न भी पूछे गए। जिनका उन्होंने संतोशजनक उत्तर दिया। इस संगोष्ठी  में डॉ.गुलशन कुमार, भूतपूर्व विभागाध्यक्ष ने संगोष्ठी को उपसंहार तक लेकर गए और मुख्य वक्ता प्रो.पुष्पिंदर सयाल का व विभिन्न राज्यों से जुड़े प्रतिभागियों का एवं विशिष्ट अतिथियों का भी धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। इसके साथ कॉलेज प्रबंधन समिति का, कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.समीर शर्मा का भी इस संगोष्ठी में विशिष्ट सहयोग देने के लिए धन्यवाद किया।

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