गांव नौशहरा पतन में शुगर मिल मुकेरियां ने किसानों को रत्ता रोग एवं अस्सू की बिजाई संबंधी करवाई किसान गोष्ठी
नौशहरा/मुकेरियां,(राजदार टाइम्स): गन्ने की फसल का अधिक उत्पादन लेने के लिए अस्सू में की जाने वाली बिजाई बहुत ही लाभकारी साबित होती है। एक तो गन्ने का झाड़ अधिक निकलता है, साथ ही सरसों, गेंहू, सब्जिया आदि अन्य फसलों की बिजाई कर अतिरिक्त मुनाफा कमाया जा सकता है। यह शब्द चीनी मिल मुकेरियां के वीपी केन संजय सिंह ने मिल द्वारा गांव नौशहरा पत्तन में लगाए गन्ना किसान गोष्ठी में गन्ने की रत्ता रोग की बीमारी एवं अस्सू गन्ने की बिजाई संबंधी किसानों को जागरूक करते समय कहे। करवाई गई गन्ना किसान गोष्ठी में विभिन्न गाँवो के किसानो ने भारी संख्या में हिस्सा लिया। वीपी केन संजय सिंह ने बताया कि अब अस्सू की बिजाई का सही समय है। गन्ने का अधिक उत्पादन लेने के लिए 4′-6 ” फुट की दुरी पर सिहाड़ निकाल कर बिजाई की जाए। उन्होंने गन्ने की नई किस्में जैसे सीओ -0 118 ,सीओपीबी 95 ,सीओवीएसई 13235 ,सीओएलके -14201 तथा सीओवीएसई 3102 की बिजाई करने की सिफारिश की। किसानों को चाहिए कि वह उपरोक्त किस्मों की बिजाई कर अपना बीज तैयार करें कि सीओ -0238 किस्म किसानों व मिल के हित की फसल है, लेकिन कुछ समय से इसको रत्ता रोग की बीमारी शुरू हो गई है। अगर सावधानियां रखी जाये तो इस फसल को काफी हद तक बचाया जा सकता है। उसके लिए गन्ने की बिजाई करते समय बीज को थिओफानेट मिथाइल दवाई के घोल में 8 से 10 घंटे डुबाकर रखने के बाद ही बिजाई की जाए। गन्ने की पत्तियां बनने के बाद गोड़ीवा सुपर अथवा एमीस्टार टॉप के दो स्प्रे 20 से 25 दिनों के अंतराल पर करने से गन्ने की रत्ता रोग की बीमारी से बचाया जा सकता है। उन्होंने किसानो को विश्वास दिलाया कि आने वाले पीडाई सीजन दौरान किसान भाईयो को किसी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी। इस समय पर मैनेजर बलवंत सिंह गिल, संतोख सिंह, कर्ण सिंह, राकेश मिन्हास, जगदेव सिंह, सरपंच बलवीर सिंह, कुलबीर सिंह, बलजीत सिंह, मनमोहन शर्मा, राकेश कुमार आदि के अलावा भारी संख्या में किसान उपस्थित थे।