शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता सुनील जैसे जांबाजों के अमिट बलिदान को : लाल चंद कटारूचक्क
सैंकड़ों ने नम आंखों से किया सिपाही सुनील के बलिदान को नमन
दीनानगर,(राजदार टाइम्स): भारतीय सेना की सात मैकेनिज्म युनिट के शहीद सिपाही सुनील कुमार का 19वां बलिदान दिवस प्रिंसिपल राज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में शहीद के नाम पर बने सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल बेगोवाल, तारागढ़ में आयोजित किया गया। करवाए गए कार्यक्रम में खाद्य आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक्क बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की माता जीतो देवी, पिता कैप्टन सोहन लाल, भाई सतीश कुमार, बहन सुमन कुमारी, भाभियां किरण कुमारी, सुमन बाला व ज्योति देवी, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, इंडियन एक्स सर्विसमैन लीग पंजाब व चंडीगढ़ के उपाध्यक्ष कैप्टन फकीर सिंह, डिप्टी डी.ई.ओ अमनदीप कुमार, शहीद नायक अजय सलारिया के पिता कैप्टन रछपाल सिंह, शहीद हवलदार मदन लाल शर्मा सेना मेडल की पत्नी भावना शर्मा, शहीद कांस्टेबल मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हुए आतंकी हमले में शहीद होने वाले होमगार्ड के जवान बोध राज की पत्नी सुदेश कुमारी, डी.एस.पी सुखविंदर सिंह, सब लेफ्टिनेंट निकिता सलारिया, आम आदमी पार्टी के बी.सी विंग के जिलाध्यक्ष नरेश सैनी, सी.एम.सी के पूर्व चेयरमैन मनोहर भाऊ, धर्म जागरण समन्वय विभाग के संयोजक रिम्पी सुरी, सरपंच अनिशा सैनी, सूबेदार मेजर शाम सिंह, सूबेदार मेजर अवतार सैनी, सूबेदार अमृतलाल आदि ने विशेष मेहमान के रुप में शामिल होकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सर्वप्रथम मुख्यातिथि व अन्य मेहमानों ने शहीद के चित्र समक्ष ज्योति प्रज्जवलित व पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का आगाज किया। श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने कहा कि शहीद राष्ट्र का सरमाया होते हैं जो देशहित में प्राणों की आहुति देकर भावी पीढ़ी में देशभक्ति की चेतना जागृत कर उनमें राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा पैदा कर जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिला पठानकोट व गुरदासपुर जिसे बलिदानी वीरों की जन्मस्थली कहा जाता है। जब भी देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ यहां के वीर सपूतों ने झोलियां भर-भर के अपने बलिदान दिए हैं, सिपाही सुनील कुमार भी शहीद सैनिकों की उसी श्रृंखला में आते हैं।
जिन्होंने 19 वर्ष की अल्पायु में अपना बलिदान देकर वीरता का इतिहास रचा है, ऐसे वीर सैनिकों के बलिदान की बदौलत ही देश की सीमाएं महफूज हैं। ऐसे वीर सपूतों की शहादत को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मंत्री कटारूचक्क ने कहा कि शहादत का गौरव हर सैनिक के भाग्य में नहीं होता खुशकिस्मत है वो सैनिक जो तिरंगे रूपी कफऩ को ओढक़र घर आता है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राष्ट्र पर मर मिटने वाले बहादुर सैनिकों व उनके परिजनों के मान-सम्मान की बहाली हेतु बचनबद्ध है तथा वह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के जज्बे को भी दिल से सैल्यूट करते हैं जो जगह-जगह इस तरह के श्रद्धांजलि समारोह आयोजित कर समाज में देशभक्ति की चेतना जागृत कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने स्कूल में इंटरलॉक टाइल्स लगवाकर देने की घोषणा की।
उस कोख को नमन जिसने सुनील जैसे जांबाज को दिया जन्म : कुंवर विक्की
कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि सिपाही सुनील कुमार जैसे शौर्यवीरों के बलिदानों की नींव पर देश टिका है अगर नींव मजबूत होगी तो देश मजबूत बनेगा। उन्होंने कहा कि उस बहादुर माँ की कोख को नमन करते हैं। जिसने सुनील जैसे वीर सपूत को जन्म देकर राष्ट्र को समर्पित कर दिया, लोगों के लिए सुनील को गए 19 साल हो गए लेकिन इस अमर बलिदानी की माँ आज भी यह महसूस करती है कि सुनील को उससे बिछड़े मात्र 19 पल ही हुए हैं वो आज भी हर सांस के साथ अपने बलिदानी पुत्र को स्मरण करती हैं। कुंवर विक्की ने कहा राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा माता-पिता के दिए संस्कारों के साथ-साथ स्कूलों में दी गई शिक्षा से पैदा होता है और शहीदों के नाम पर बने स्कूल एक मंदिर के समान होते हैं। इस लिए सभी छात्र व अध्यापक इस विद्यालय के प्रवेश द्वार की बलिदानी मिट्टी को नमन करने के बाद ही स्कूल में प्रवेश करने का संकल्प लें।
गर्व है बलिदानी के नाम पर बने स्कूल की सेवा करने का सौभाग्य मिला : प्रिंसिपल गुप्ता
प्रिंसिपल राज कुमार गुप्ता ने आए मेहमानों का आभार व्यक्त कर स्कूल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि उन्हें एक शहीद के नाम पर बने विद्यालय में सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है और मैं वायदा करता हूँ कि इस वीर योद्धा के बलिदान की गरिमा को हमेशा बहाल रखूंगा। छात्राओं ने देशभक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबकी आंखें नम कर दी। मंच संचालन का दायित्व मास्टर विकास राय व मैडम नवज्योति ने बाखूबी निभाया। मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित 15 अन्य शहीद परिवारों को शाल तथा स्मृति चिन्ह व 30 मेधावी छात्राओं को मेडल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर एस.एच.ओ मंजीत, सरपंच रवि मन्हास, विशेसर सिंह सिंह, लेक्चरर अशोक राज, विपुल कुमार, बलदेव राज, अजय कुमार, संजय वर्मा, अश्वनी कुमार, मुनीश कुमार, बिक्रम कुमार, ज्योति भोगल, मैडम संदीप, प्रवीण लता, निधि ठाकुर, शैली राणा, मोनिका देवी, वीना कुमारी, जसवीर कौर, सरपंच युगराज सिंह मन्हास, सरपंच सोहन लाल आदि उपस्थित थे।