तिरंगे में लौटे हवलदार मलकीत सिंह का सैन्य सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार
क्षेत्र के लोगों ने नम आंखों से दी शहीद को अंतिम विदाई, सम्मान में बंद रहा कस्बा कलानौर
कलानौर/गुरदासपुर,(राजदार टाइम्स): गत दिवस जम्मू-कश्मीर के उधमपुर क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान गाड़ी हादसाग्रस्त होने से शहीद होने वाले सेना के 1 एफ.ओ.डी यूनिट के हवलदार मलकीत सिंह का कस्बा कलानौर में पूरे सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। तिब्बड़ी कैंट से आई 4 सिख यूनिट के जवानों ने शस्त्र उल्टे कर हवा में गोलियां दागते हुए बिगुल की गौरवशाली धुन के साथ शहीद हवलदार मलकीत सिंह को सलामी दी। वहीं शहीद की दादी मंजीत कौर, दादा करनैल सिंह, मां मंजीत कौर, पत्नी नवनीत कौर, भाई कुलदीप सिंह, चाचा ए.एस.आई कश्मीर ने भी अपने घर के चिराग को सजल नेत्रों से श्रद्धासुमन अर्पित किए तथा शहीद के चाचा ए.एस.आई कश्मीर सिंह ने जब उनकी चिता को मुखाग्नि भेंट की तो सारा श्मशान घाट ‘भारत माता की जय’ ‘हवलदार मकलकीत सिंह अमर रहे’ के जयघोष से गूंज उठा। इससे पहले जब तिब्बड़ी कैंट से फूलों से सुसज्जित सैन्य वाहन द्वारा तिरंगे में लिपटी शहीद की पार्थिव देह को कस्बा कलानौर लाया गया तो माहौल अत्यंत गमगीन हो गया। तिरंगे में लिपट कर घर लौटे मलकीत की पार्थिव देह को देख हर आंख नम हो उठी, पत्थर की मूर्त बनी माँ मंजीत कौर व पत्नी नवनीत कौर की करुणामई सिसकियां सबका कलेजा छलनी कर रही थीं। वहीं शहीद मलकीत सिंह की चार साल की नन्हीं बेटी अरनीत एकटक अपने पिता की पार्थिव देह को निहार रही थी, शायद उसे इस बात का एहसास भी नहीं था कि उसके सिर से पिता का साया उठ चुका है। इसी बीच जहां शहीद हवलदार मलकीत सिंह के सम्मान में समूह कस्बा कलानौर बंद रहा, वहीं जम्हूरी किसान सभा समेत सभी किसान जत्थेबंदियों द्वारा देशव्यापी ट्रैक्टर मार्च निकालने का जो ऐलान किया गया था, शहीद के सम्मान में उसे रद्द कर, इस वीर सैनिक के अंतिम संस्कार में पहुंच अपनी तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

जहां सैन्य अधिकारियों ने शहीद की पार्थिव देह पर रीथ चढ़ा उनके बलिदान को सैल्यूट किया। वहीं विधायक गुरदीप सिंह रंधावा, पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह छोटेपुर, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की, एस.डी.एम ज्योत्सना सिंह, तहसीलदार मंजीत सिंह, नायब तहसीलदार किरनदीप, मार्किट कमेटी के चेयरमैन रंजेत सिंह बाठ, सरहदी लोकसेवा सोसाईटी पंजाब के महामंत्री केवल कृष्ण, जम्हूरी किसान सभा के जिलाध्यक्ष हरजीत सिंह काहलों, कामरेड जगजीत सिंह, शहीद सिपाही सुखविंदर सिंह के पिता हवलदार सीता राम, नवदीप सिंह पुआर आदि ने विशेष तौर पर शामिल होकर शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाया। इस अवसर टोनी सच्चर, गगनदीप सिंह, रणजीत सिंह, परमजीत सिंह, राजविंदर सिंह, बलजीत कौर, रणजीत कौर आदि उपस्थित थे।

छाती से तिरंगा लगाए माँ बोली :- बेटा किया करता था वतन पर कुर्बान होनें की बातें
जो तिरंगा ओढक़र मलकीत घर लौटे थे, उसे काफी समय तक माँ मंजीत कौर अपनी छाती से लगाए खड़ी रही और गर्व के आंसुओं के साथ उसने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि इस तिरंगे में मुझे अपने शहीद बेटे की स्पर्श की अनुभूति हो रही है। उनका बेटा मलकीत जब भी, घर छुट्टी आता तो अक्सर उससे यह बात कहता कि माँ मरना तो एक दिन सबने है मगर वो सैनिक धन्य है। जिसका जीवन देश के काम आता है।

‘है मौत वो जिस पर जमाना करे नाज’ का एक दिन पहले लगाया था स्टेटस
शहीद की माँ मंजीत कौर व पत्नी नवनीत कौर ने सजल नेत्रों से बताया कि मलकीत 15 दिन पहले अपने मामा के बेटे के देहांत पर चार दिनों की छुट्टी आया था। उस दौरान भी वो देश पर मर मिटने की बातें ही करता रहा, शहादत से एक दिन पहले ही उसने अपने मोबाइल पर ‘है मौत वो जिस पर जमाना करे नाज’ का स्टेटस लगाया था, मगर उन्हें क्या पता था कि एक दिन बाद ही उसके द्वारा कही बातें व उसका स्टेटस सच हो जायेगा और वो तिरंगे में लिपट कर घर पहुंचेगा।

गणतंत्र दिवस पर पंचतत्व में विलीन हुआ देश का सपूत : कुंवर विक्की
परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की ने शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि एक तरफ देश अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। वहीं इस राष्ट्रीय पर्व पर देश के वीर सपूत मलकीत ने पंचतत्व में विलीन होकर अपना नाम बलिदानी सैनिकों की श्रृंखला में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा लिया है। उन्होंने कहा कि देश का जांबाज सिपाही पाक द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के साथ-साथ खराब मौसम, बर्फीले तूफान व ऐसी दुर्घटनाओं को अपने सीने पर झेलते हुए कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी निभाता है, ताकि देशवासी अमन व चैन की सो सकें इस लिए शासन प्रशासन व आम जनता का भी यह फर्ज बनता है कि इस दु:ख की घड़ी में सभी इस शहीद परिवार का सहारा बनें ताकि वो परिवार इस बात पर गर्व कर सकें कि बेशक उनके जिगर का टुकड़ा देश पर कुर्बान हो गया है मगर समाज व शासन-प्रशासन इस दु:ख की घड़ी में उनके साथ खड़ा है।
असहनीय होता है अपनों को खोने का दर्द : ज्योत्सना सिंह
एस.डी.एम ज्योत्सना सिंह ने भी शहीद मलकीत परिवार का हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि अपनों को खोने का दर्द असहनीय होता है और उस दर्द को वे भलीभांति महसूस कर सकती हैं क्योंकि उन्होंने भी अपना इकलौता भाई लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह अशोकचक्र को देश पर कुर्बान किया है। उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया कि जिला प्रशासन इस दु:ख की घड़ी में उनके साथ खड़ा है।