लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह जैसे शौर्यवीरों के बलिदान समक्ष समूचा राष्ट्र है नतमस्तक : मंत्री कटारूचक्क

शहीद के नाम पर बनेगा स्टेडियम, मंत्री ने 20 लाख रुपए की ग्रांट देने का किया ऐलान

सैंकड़ों ने नम आंखों से किया अशोक चक्र विजेता के बलिदान को नमन

पठानकोट,(बिट्टा काटल): जम्मू रेलवे स्टेशन पर हुए फिदायीन हमले को नाकाम कर हजारों लोगों के प्राणों को बचाते हुए तीन फिदायीन आंतकियों को मारकर शहीद होने वाले भारतीय सेना की पांच जैक एल.आई के अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह का 20वां बलिदान दिवस सीमावर्ती गांव फतेहपुर में शहीद के नाम पर बने सरकारी हाई स्कूल में प्रिंसिपल कमल किशोर की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

जिसमें पंजाब के खाद्य आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक्क बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके जिलाधीश आदित्य उप्पल, एस.डी.एम धार मेजर डा.सुमित मुद्द, शहीद की माता पुष्पलता, पिता कैप्टन जनमेज सिंह, बहन एस.डी.एम ज्योत्सना सिंह, बहनोई ठाकुर भूपिन्द्र सिंह, भांजा वीर प्रताप सिंह, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की, डी.ई.ओ सैकेंडरी राजेश कुमार, हिन्दू कोपरेटिव बैंक के डायरेक्टर एडवोकेट रमेश चौधरी, कर्नल जी.एस जमवाल, कर्नल हरीश काटल, कर्नल जी.सी सिंह, रिटायर्ड डिप्टी डी.ई.ओ राजेश्वर सलारिया, शहीद की यूनिट के नायब सुबेदार सज्जाद हुसैन, नायब तहसीलदार यशपाल सिंह, हिन्दू सुरक्षा समिति पंजाब के चेयरमैन सुरेन्द्र मन्हास, समाज सेवक सुरिंदर महाजन शिंदा, ब्लॉक अध्यक्ष सूबेदार कुलवंत सिंह, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, शहीद कर्नल के.एल गुप्ता के भाई सुरेन्द्र गुप्ता, शहीद नायक मेहर सिंह वीर चक्र के बेटे प्रवीण कुमार, शहीद लांसनायक डिप्टी सिंह सेना मेडल के भतीजे वरिंदर सिंह, शहीद कांस्टेबल मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, शहीद सिपाही दीवान चंद की पत्नी सुमित्री देवी व बेटा लाल चंद, महाराणा प्रताप यूथ क्लब सम्मूचक्क के प्रधान ठाकुर बाबू राम, ब्लॉक समिति दीनानगर के पूर्व चेयरमैन ठाकुर जगतार सिंह काका आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर लैफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह को भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की। सर्वप्रथम मुख्यातिथि व अन्य मेहमानों ने शहीद के चित्र समक्ष ज्योति प्रज्वलित व पुष्पांजलि अर्पित करके कार्यक्रम का आगाज किया। श्रद्घांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने कहा शौर्यवीर लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह जैसे जांबाजों की अमूल्य शहादात को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। जिन्होंने 26 वर्ष की अल्पायु में अपना बलिदान देकर हजारों लोगों के प्राणों को बचाते हुए, जिस शूरवीरता व अदम्य साहस का परिचय दिया। उनके अदम्य साहस के समक्ष समूचा राष्ट्र नतमस्तक है। उन्होंने कहा कि वह इस अमर वीर के माता-पिता के चरणों में नतमस्तक हैं। जिन्होंने ऐसे सपूत को जन्म देकर राष्ट्र को समर्पित कर दिया। मंत्री ने कहा  कि 21 वर्ष पहले जम्मू रेलवे स्टेशन पर हुए फिदायीन हमले को नाकाम करने हेतु जब लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह एक मसीहा बनकर स्टेशन पर पहुंचे तो, उस समय उनके सामने जिदंगी और मौत के दो रास्ते थे अगर वो चाहते तो पीछे हटकर जिंदगी को चुन सकते थे लेकिन अपना सैन्य धर्म निभाते हुए वीरगति का रास्ता चुना और मरणोपरांत राष्ट्रपति से अशोक चक्र प्राप्त कर अपनी यूनिट व अपने माता-पिता का नाम देश भर में रोशन किया। उन्होंने स्कूल में लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह की याद में  स्टेडियम बनाने के लिए 20 लाख रुपए की ग्रांट देने का ऐलान करते हुए कहा कि यह राशि पहली किश्त है। काम शुरू होने के बाद इस भव्य स्टेडियम के निर्माण के लिए पैसों की कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए जितना भी खर्च होगा वो सरकार करेगी। इसके अलावा शहीद के नाम पर बने इस हाई स्कूल में छात्रों की संख्या जब बढ़ जाएगी तो इसे अपग्रेड कर +2 तक कर दिया जाएगा।

त्रिवेणी जैसे जांबाजों का देश रहेगा कर्जदार: डीसी आदित्य उप्पल

डी.सी आदित्य उप्पल ने कहा कि लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह जैसे जांबाजों के बलिदान का देश सदैव कर्जदार रहेगा। जिन्होंने अपने पारिवारिक संबंधों का परित्याग करते हुए देशहित में प्राणों की आहुति देकर वीरता का इतिहास रचा देश की भावी पीढ़ी को चाहिए कि ऐसे योद्धा को अपना रोल मॉडल बनाए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन शहीदों  व उनके परिजनों के मान-सम्मान के बहाली हेतु बचनबद्ध है। 

……और रो पड़ी एसडीएम 

कार्यक्रम में विशेष मेहमान के तौर पर पहुंची एस.डी.एम धार मेजर डा.सुमित मुद्द जब लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित करने लगीं तो उनकी आँखें बरबस ही छलक उठीं। उन्होंने भरे मन से रोते हुए अपने संबोधन में कहा कि लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह का अमूल्य बलिदान युवा पीढ़ी में राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा भरता रहेगा। उन्होंने कहा कि आज सभी इस बात का संकल्प लें कि जो रास्ता हमें वीर त्रिवेणी ने दिखाया, हम सब उन पदचिन्हों पर चलने के लायक बने। एस.डी.एम ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि आप सरहद पर खड़े होकर ही देशभक्ति दिखा सकते हो। जिस भी क्षेत्र में आप हो अपना काम ईमानदारी से करते हुए देशभक्ति की मिसाल कायम कर सकते हो तथा नशे में डूबी युवा पीढ़ी को चाहिए कि इस दल-दल से बाहर निकल आदर्श समाज की सृजना में अपना योगदान देकर राष्ट्र को मजबूत बनाएं।

यूनिट को नाज है लेफ्टिनेंट त्रिवेणी के बलिदान पर: नायब सुबेदार हुसैन

लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह की यूनिट के नायब सुबेदार6 सज्जाद हुसैन ने कहा कि लैफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह हमारी यूनिट के गौरव हैं। जिनके बलिदान पर यूनिट को हमेश नाज रहेगा तथा उनके शौर्य, त्याग व बलिदान से हमारे जवान हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनके लिए गर्व की बात है। जिस ऑपरेशन को लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह ने आतंकियों को मौत की नींद सुला अंजाम तक पहुंचाया। वह भी उनकी उस टीम का हिस्सा रहे हैं और उन्होंने अपनी आंखों से लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह को आतंकियों को नेस्तनाबूद करते हुए देखा है। हमें इस बात का गर्व है कि उनकी यूनिट को अशोक चक्र की यूनिट का खिताब लेफ्टिनेंट त्रिवेणी ने अपना बलिदान देकर दिलाया है। हम रहें ना रहें लेकिन लेफ्टिनेंट  त्रिवेणी  ने अशोक चक्र के रूप में यूनिट को जो विरासत दी है वो एक धरोहर के रूप में हमेशा हमारे जवानों में राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा पैदा करती रहेगी।

मां बोली… गर्व है उनका त्रिवेणी  काम आया देश के 

शहीद की माता पुष्पलता ने नम आंखों से कहा कि लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह उनका इकलौता बेटा था। उन्हें बेटे को खोने का दु:ख तो बहुत है मगर उसके बलिदान पर गर्व भी है कि वो देश की सुरक्षा करते हुए अपनी शहादत देकर देश के काम आया तथा उन्हें एक शहीद की मां कहलाने का गौरव दे गया। 

शहादत रूपी दुल्हन त्रिवेणी जैसे वीरों को ही चुनती है अपना वर: कुंवर विक्की

परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने कहा कि बहादुरी का दूसरा नाम है लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह जो आतंकियों के लिए काल रूप थे तथा जिनका बलिदान देश लंबे समय तक  याद रखेगा। उन्होंने कहा कि शहादत रूपी दुल्हन लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह जैसे वीर सपूतों को ही अपना वर चुनती है और वो सैनिक धन्य है, जिसका जीवन देश के काम आता है। कुंवर विक्की ने कहा सैकड़ों लोग रोज मरते हैं उन्हें कोई याद नहीं करता मगर शहीद की मौत पर देवता भी फूल अर्पित करते हैं। प्रिंसिपल कमल किशोर ने आए मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए स्कूल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा छात्रों द्वारा देशभक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबकी आंखें नम कर दीं। मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित 15 अन्य शहीद परिवारों को शाल व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर शहीद की मौसियां सुरिंदर काटल, कामिनी पठानिया, विनोद सलारिया व स्नेह कटोच, मौसा बलबीर पठानिया, सरपंच शुभलता, कैप्टन देस राज, अमित पठनिया, हनी ठाकुर, सरपंच गणेश कुमार, बिट्टू ठाकुर, राजेश सिंह, सुरिंदर सिंह, संजीव सिंह, कुलविंदर सिंह, बलिदानी की यूनिट से हवलदार मुख्तयार अहमद, राइफलमैन नजीम एहमद, राइफलमैन नितिन लोरिया, मास्टर विवेक गुप्ता, अनिल कुमार, मैडम रेणु देवी, सोनिया, मीनाक्षी, कंचन, प्रिया, कीर्ति, रेखा, मास्टर राजेश कुमार, राकेश कुमार, सर्वजीत आदि उपस्थित थे।