दुनिया के नक्शे से मिट जाते हैं वो देश जो नहीं रखते अपने जांबाजों के बलिदान को याद : कुंवर विक्की
सैंकड़ों ने नम आंखों से किया रविंदर के बलिदान को स्मरण
दीनानगर,(राजदार टाइम्स): जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ सेक्टर में पाक प्रशिक्षित आतंकियों से लड़ते हुए अपना बलिदान देने वाले सेना की 7 डोगरा यूनिट के लांसनायक रविंदर सिंह मन्हास के 46वें जन्मदिन के अवसर पर सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल जागोवाल बेट में प्रिंसिपल बलजिंदर कौर की अध्यक्षता में एक श्रद्धांजलि समारोह करवाया गया। करवाए गए श्रद्धांजलि समारोह में शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की माता शकुंतला देवी, बहनें पूजा, सुनीता, नीलम व शीला देवी, बहनोई रमन सिंह व अर्जुन सिंह, भांजी दीक्षा व अर्पिता, भांजा अश्लेश, कारगिल युद्ध के वीरचक्र विजेता शहीद सूबेदार निर्मल सिंह के भतीजे कुलबीर सिंह, पठानकोट एयरबेस हमले के शहीद कैप्टन फतेह सिंह की पत्नी शोभा ठाकुर तथा शहीद हवलदार कुलवंत सिंह सेना मेडल के बेटे सुखविंदर सिंह, पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, जिला शिक्षा विभाग के रिटायर्ड सुप्रीडेंट समाज सेवक इंद्रजीत सिंह बाजवा आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर बलिदानी सैनिक को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम मुख्यातिथि तथा अन्य मेहमानों ने शहीद के चित्र समक्ष ज्योति प्रज्जवलित व पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि समारोह का आगाज किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि शहीद लांसनायक रविंदर सिंह जैसे अमर वीरों का बलिदान राष्ट्र की बहुमूल्य धरोहर है। इसलिए देश की भावी पीढ़ी को चाहिए कि इस धरोहर को अपने दिलों में संजो कर रखते हुए अपने अंदर राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा पैदा करें। जो कौमें व देश अपने वीर सैनिकों के बलिदान को याद नहीं रखते उनका अस्तित्व दुनिया के नक्शे से मिट जाता है। कुंवर विक्की देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि देश पर मर मिटने वाले इन जांबाज सैनिकों के नक्शे कदमों पर चलते हुए आदर्श समाज की सृजना में अपना योगदान देकर शहीदों के सपनों को साकार करें। उन्होंने कहा कि आज थोड़ी सी ठंड भी हमसे बर्दाश्त नहीं होती, लेकिन हमारे वीर सैनिक ग्लेशियर के बर्फीले पहाड़ों पर जहां माइनस 50 डिग्री के करीब तापमान होता है। वहां भी तनदेही से ड्यूटी देते हैं ताकि देशवासी चैन की नींद सो सकें। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि समय बहुत बलवान होता है, हर घाव को भर देता है मगर शहादत का जख्म ऐसा होता है कि जैसे-जैसे समय गुजरता है, यह जख्म परिवार के लिए नासूर बन जाता है। शायद ही पिछले 20 वर्षो से कोई दिन ऐसा बीता हो, जिस दिन बेटे रविंदर के गम में माँ शकुंतला की आंखें नम न हुई हों, मगर उनकी परिषद सभी शहीद परिवारों को यह भरोसा दिलाती है कि वो कभी भी इनके होंसलों को परास्त नहीं होने देगी तथा वो इस परिवार के जज्बे को दिल से सैल्यूट करते हैं जो अपने इकलौते बेटे लांसनायक रविंदर सिंह का जन्मदिन और बलिदान दिवस पूरी श्रद्धा से मनाते हैं। प्रिंसिपल बलजिंदर कौर ने आए मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देशभक्ति से ओत-प्रोत इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते हैं। इस अवसर पर शहीद के परिजनों सहित पांच अन्य शहीद परिवारों को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मास्टर विक्रम सिंह, कुलवंत सिंह, गुरप्रीत सिंह, सुरजीत सिंह, अश्वनी कुमार सुखविंदरजीत सिंह, गुलशन नंदा, मैडम हिमानी, शमिंदर कौर, राजविंदर कौर, रमन बाजवा, मनी ठाकुर, परवीन कुमारी, दविंदर कौर, निर्मल कौर आदि उपस्थित थे।
बहन बोली, भाई की कमी तो खलती है मगर गर्व है उसकी शहादत पर
बलिदानी रविंदर की बहन पूजा जसरोटिया ने कहा कि उन्हें हर पल इकलौते भाई की कमी तो बहुत खलती है, मगर उसकी शहादत पर गर्व भी बहुत है कि वो अपना बलिदान देकर हमारे परिवार का कद ऊंचा कर गया।

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