मां बुन रही थी सेहरे की लड़ियां बेटा हुआ वतन पर कुर्बान
तिरंगे में लौटे गुरप्रीत का सैन्य सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार
गुरदासपुर,(राकेश राणा): दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग सेक्टर में आतंकियों की टोह लेने हेतु बर्फीली पहाड़ियों पर गश्त कर रहे सेना की 18 राष्ट्रीय राइफल्स के 24 वर्षीय सिपाही गुरप्रीत सिंह जो पहाड़ी से पांव फिसलने पर गहरी खाई से गिरने से शहादत का काम पी गए थे का आज गांव भैणी खादर में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। तिब्बड़ी कैंट से आई सेना की 1 महार यूनिट के जवानों ने शस्त्र उल्टे कर तथा हवा में गोलियां दागते हुए बिगुल की गौरवशाली धुन के साथ शहीद को सलामी दी वहीं 1 महार यूनिट के कर्नल गौरव सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल विकास कुमार सिंह, शहीद की यूनिट के मेजर करुणेश पंत, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की तरफ से कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, जिला योजना बोर्ड बोर्ड के चेयरमैन व आप के प्रदेश महासचिव एडवोकेट जगरूप सिंह शेखवां, जिला प्रशासन की तरफ से डीसी डा. हिमांशु अग्रवाल, एसएसपी दायमा हरीश कुमार ओम प्रकाश, एसपी नवजोत सिंह संधू, एसडीएम अमनदीप कौर घुम्मण, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग की तरफ से सुप्रीटेंडेंट सुदेश कुमार, फील्ड अफसर कैप्टन सकत्तर सिंह, सूबेदार मेजर सिंह, रूपिंदर सिंह, शहीद के पिता नरिंदर सिंह,मां लखविंदर कौर, भाई हरप्रीत सिंह व पंजाब पुलिस के जवानों ने रीथ चढ़ा शहीद को सैल्यूट किया। सिपाही गुरप्रीत सिंह के पिता नरिंदर सिंह ने जब शहीद बेटे की चिता को मुखाग्नि दी सारा शमशान घाट शहीद गुरप्रीत सिंह अमर रहे, भारत माता की जय, भारतीय सेना जिंदाबाद के जयघोष से गूंज उठा। इससे पहले सिपाही गुरप्रीत सिंह की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह को श्रीनगर से एयरलिफ्ट कर पठानकोट लाया गया जहां से आज सुबह सैन्य वाहन द्वारा तिब्बडी कैंट लाया गया जहां से सेना के जवान काफिले के रूप में तिरंगे में लिपटी गुरप्रीत की पार्थिव देह को गांव लेकर पहुंचे, रास्ते भर लोगों ने पुष्प वर्षा कर क्षेत्र के लाडले के बलिदान को नमन किया।
शहीद बेटे की अर्थी को कंधा देकर मां ने दी अंतिम विदाईमाहौल उस समय अत्यंत गमगीन हो गया जब तिरंगे में लिपटी बलिदानी बेटे की पार्थिव देह को देखकर पत्थर की मूर्त बनी मां लखविंदर कौर करुणामई सिसकियां के साथ अपने शहीद बेटे की अर्थी को कंधा देकर उसे अंतिम विदाई दी। मां ने नम आंखों से बताया तीन दिन पहले उनके बेटे ने वीडियो कॉल कर कहा था कि वह फरवरी में छुट्टी आएगा, शहीद की मां ने कहा कि पिछले साल उसके बेटे की सगाई हुई थी तथा अप्रैल में बेटे की शादी तय की थी घर पर मैं शगुनों के गीत गाते हुए सेहरे की लड़ियां बुन रही थी लेकिन बेटे ने वीरगति को दुल्हन के रूप में गले लगा लिया, वतन पर कुर्बान होने से बेटे की शादी की सारी खुशियां गम में बदल गई हैं अब मैं किसके सहारे जिंदगी काटूंगी।
शहीद परिवार के साथ खड़ी है पंजाब सरकार: मंत्री धालीवालमंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने शहीद परिवार को ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में पंजाब सरकार शहीद परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का पता चला है कि इस गांव के हर घर एक फौजी है तथा पहले भी सिपाही सुरिंदर सिंह के रूप में इस गांव ने एक सैनिक देश पर कुर्बान किया है वहीं इस गांव ने एक स्वतंत्रता सेनानी भी देश को दिया है इसलिए वह वायदा करते हैं कि इस गांव के विकास के लिए कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी तथा गांव में शहीद सिपाही गुरप्रीत सिंह की याद में एक स्टेडियम भी बनाया जायेगा इसके अलावा सेना की कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री खुद इस परिवार को आर्थिक सहायता भेंट करने आएंगे। मंत्री धालीवाल ने शहीदों के अधिकारों व सम्मान की लड़ाई लड़ने वाली पंजाब की एकमात्र गैर राजनीतिक संस्था शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वह इन शहीद परिवारों की समस्याओं के बारे में उन्हें लिखकर दें वह अपनी तरफ से इस परिषद को 3 लाख रुपए की ग्रांट देंगे। इस अवसर पर डीसी डा. हिमांशु अग्रवाल व एसएसपी दायमा हरीश कुमार ने भी जिला प्रशासन की तरफ से शहीद परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने का वचन दिया। इस मौके पर शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, सरपंच कुलवंत सिंह, सूबेदार मेजर मदन लाल शर्मा, सूबेदार मेजर बावा सिंह, सूबेदार कुलविंदर सिंह, नंबरदार निशान सिंह, शहीद की यूनिट से नायब सूबेदार राकेश कुमार, हवलदार सौरभ कुमार, लांसनायक अजय कुमार, लांसनायक नीरज कुमार, गुरनाम सिंह, जसवंत सिंह आदि उपस्थित थे।