लौह पुरुष ने एकसूत्र में पिरोया था भारत को : दिनकर पराशर
पुण्यतिथि पर सरदार पटेल को किया नमन
दातारपुर,(एसपी शर्मा): स्थानीय वसिष्ठ भारती इंटरनेशनल स्कूल में साढ़े पांच सौ रियासतों को इक_ा करके भारत को एकसूत्र में पिरोने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि के अवसर पर प्रिंसिपल दिनकर पराशर तथा अन्य ने उन्हें पुष्पमाला अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने सम्बोधन में दिनकर पराशर ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत को आजादी तो दी परंतु जाते-जाते वे हमें विभाजन का दर्द भी दे गए। इसके अलावा उस समय देश सैकड़ों छोटी बड़ी रियासतों में बंटा हुआ था। जिसे हमारे उस समय के गृहमंत्री सरदार पटेल ने बड़ी सूझबूझ हिम्मत व दृढ़ निश्चय से एकसूत्र में पिरोया तथा अलगाव को समाप्त किया। उन्होंने कहा कि वल्लभभाई पटेल सरदार नाम से लोकप्रिय थे, एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक भारतीय अधिवक्ता व राजनेता थे, जो कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे। जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया। दिनकर पराशर ने कहा कि भारत एवं अन्य जगहों पर उन्हें अक्सर हिंदी, उर्दू और फ़ारसी में सरदार कहा जाता था। जिसका अर्थ है ‘‘प्रमुख’’। उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण व 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। दिनकर ने कहा कि ऐसे महान देशभक्त एवं चिंतक तथा दृढ़ संकल्प वाले पटेल के कारण ही आज हम स्वतंत्र, एकजुट और समर्थ राष्ट्र के नागरिक हैं। ऐसे महान सपूत को शत शत नमन करते हैं। इस अवसर पर अनु शर्मा, सुनायना, गिरिधर शर्मा, कवीश दत्त, विनोद कुमार, वरूण, शवेता, रेणु, मंजू, मधु, सरोज, अनू व अन्य लोग भी उपस्थित थे।