विजय दिवस पर राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री व सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने रविंद्र विक्की का किया सम्मान
राष्ट्रपति से आशीर्वाद दिला जनरल द्विवेदी ने दी मेरे हौंसले को नई उड़ान : कुंवर विक्की
सेना द्वारा आयोजित एट होम कार्यक्रम में स्पेशल इन्वाइटी के तौर पर हुए शामिल
गत 28 वर्षों से लड़ रहे हैं शहीद परिवारों के अधिकारों की लड़ाई
दिल्ली/दीनानगर,(राकेश राणा):
राष्ट्र की बलिवेदी पर प्राणों की आहुति देने वाले जांबाज सैनिकों की शहादत को शाश्वत रखने में जुटी पंजाब की एकमात्र गैर राजनीतिक संस्था शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की जोकि गत 28 वर्षों से शहीद सैनिकों व उनके परिवारों के मान-सम्मान की बहाली हेतु उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी सराहनीय सेवाओं को देखते हुए सरकार द्वारा कई बार उन्हें राज्य व जिला स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। वहीं गत दिवस भारतीय सेना द्वारा साल 1971 के भारत-पाक युद्ध की जीत की वर्षगांठ, जिसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है पर दिल्ली में चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के सरकारी आवास पर सेना द्वारा आयोजित ‘एट होम’ कार्यक्रम में कुंवर रविंद्र विक्की की सराहनीय सेवाओं को देखते हुए उन्हें स्पेशल इन्वाइटी के रूप आमंत्रित किया गया। ‘एट होम’ समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुईं। उनके अलावा उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आदि भी विशेष तौर पर वरिष्ठ मेहमानों के तौर पर शामिल हुए। सर्वप्रथम सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी व उनकी पत्नी सुनीता द्विवेदी द्वाराआए हुए मेहमानों का रिसेप्शन गेट पर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान जब सेना के एक उच्च अधिकारी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह की कार्यशैली के बारे में बताया तो उन्होंने कुंवर विक्की की पीठ थपथपा उनका मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि दु:ख में किसी शहीद परिवार के साथ खड़ा होना भी एक राष्ट्रसेवा ही है तथा शहीद सैनिकों व उनके परिजनों के मान-सम्मान को बहाल रखने हेतु किए जा रहे उनके प्रयास समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

परिषद बनी देश की पहली संस्था जिसे सेना ने दिया सम्मान
समय-समय पर सेना द्वारा परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की को सम्मानित किए जाने की वजह से परिषद देश की पहली संस्था बन चुकी है। जिसे सेना ने सम्मान दिया है। इससे पहले भी 15 जनवरी 2021 को सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी जो उस समय कोर कमांडर राईजिंग स्टार थे, द्वारा सेना दिवस पर आर्मी कमांडर द्वारा भेजे गए कमडेशन कार्ड से कुंवर रविंद्र विक्की को सम्मानित किया था।
गणतंत्र दिवस पर हो चुके हैं स्टेट अवार्ड से सम्मानित, विदेश से भी मिल चुका है सम्मान
चार वर्ष पूर्व गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में पंजाब के तत्कालीन राज्यपाल वी.पी सिंह बदनौर कुंवर रविंद्र सिंह विक्की को उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें स्टेट अवार्ड से सम्मानित कर चुके हैं। कुंवर विक्की जहां बलिदानी सैनिकों की याद में जगह-जगह श्रद्धांजलि समारोह आयोजित कर युवा पीढ़ी में देशभक्ति की अलख जगा रहे हैं। वहीं बलिदानी परिवारों के मान-सम्मान की बहाली के लिए हमेशा संघर्षरत रहते हुए उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़ा कर जीने की राह दिखा रहे हैं। इसके अलावा कैनेडा के नागरिक पीटरसन जो पिछले कई वर्षों से कुंवर विक्की को सोशल मीडिया पर फॉलो करते आ रहे थे ने उनकी सेवाओं से प्रभावित होकर अपनी तरफ से उन्हें एक एन.आर.आई के माध्यम से ‘प्राईड ऑफ इंडिया’ का सम्मान भेंट कर सम्मानित किया गया। वहीं अक्तूबर महीने राष्ट्रीय स्तर की कर्तव्यनिष्ठ संस्था द्वारा चंडीगढ़ के टैगोर थियेटर में आयोजित ‘हौंसले की उड़ान’ कार्यक्रम में कुंवर विक्की को ‘प्राईड ऑफ पंजाब’ अवार्ड से सम्मानित किया गया।
50 बलिदानी वीरों के नाम करवा चुके हैं स्कूलों के नाम, कई बलिदानी परिवारों को दिलवाई नौकरी
कुंवर रविंद्र विक्की व उनकी परिषद देश पर मर मिटने वाले जांबाज वीर सैनिकों की स्मृति को शाश्वत रखने हेतु 50 के लगभग सरकारी स्कूलों के नाम उनके नाम पर रखवा चुके हैं तथा शहीदों की याद में 40 यादगिरी गेट सरकार से बनवाए हैं। वहीं कई शहीद परिवारों को सरकार से नौकरी भी दिलवा उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़ा कर चुके हैं।
स्कूलों कॉलेजों में सेमिनार आयोजित कर छात्रों करते है, सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित
कुंवर विक्की आए दिन स्कूलों कालेजों में सेमिनार आयोजित कर उसमें सैन्य अधिकारियों को आमंत्रित करते हैं, ताकि उनके ओजस्वी विचार सुनकर छात्र भारतीय सेना में भर्ती होकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें।

मेरा नहीं बलिदानी परिवारों का है यह सम्मान : कुंवर विक्की
कुंवर रविंद्र विक्की ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेना प्रमुख ने उन्हें महामहिम राष्ट्रपति से आशीर्वाद दिलवा कर उनके हौंसले को एक नई उड़ान दी है। उन्हें मिला यह सम्मान शहीद परिवारों को समर्पित है। यह मेरा नहीं शहीदों और उनके परिजनों का सम्मान है। उन्होंने कहा कि वह अंतिम सांस तक शहीदों व उनके परिजनों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते हुए इनके मान-सम्मान को हमेशा बहाल रखने हेतु हमेशा प्रयासरत रहेंगे।

परिषद, शहीद परिवारों व क्षत्रिय महासभा ने सेना प्रमुख का जताया आभार
शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष व शहीद लेफ्टिनेंट गुरदीप सलारिया शौर्यचक्र के पिता कर्नल सागर सिंह सलारिया, प्रेस सचिव बिट्टा काटल, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर मोहिंदर सिंह तंवर, पंजाब के अध्यक्ष डिंपल राणा, चेयरमैन ठाकुर दविंदर सिंह दर्शी, जिला अध्यक्ष कारपोरेटर ठाकुर विक्रम सिंह विक्कू, राजपूत महासभा लोकसभा हलका गुरदासपुर के अध्यक्ष कुंवर संतोख सिंह, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के कार्यकारिणी सदस्य ठाकुर शमशेर सिंह बिट्टू, राजपूत महासभा जिला गुरदासपुर के अध्यक्ष ठाकुर राम सिंह मजीठी, सचिव ठाकुर विजय सिंह सलारिया, रिटायर्ड डिप्टी डी.ई.ओ राजेश्वर सलारिया, परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन गुरबचन सलारिया के भतीजे सूबेदार कर्ण सिंह, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, शहीद लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जनमेज सिंह, शहीद कैप्टन अरुण जसरोटिया अशोक चक्र के भाई राकेश जसरोटिया, शहीद मेजर कुलबीर सिंह राणा की पत्नी संतोष राणा, शहीद मेजर विवेक भंदराल के पिता कर्नल पी.एस भंदराल, शहीद नायक अजय सलारिया के पिता कैप्टन रछपाल सिंह, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, शहीद कर्नल के.एल गुप्ता के भाई सुरिंदर गुप्ता, शहीद लांसनायक डिप्टी सिंह सेना मेडल के भतीजे वरिंदर सिंह, शहीद सिपाही मोहन सिंह चिब सेना मेडल के भाई ठाकुर जीवन सिंह चिब, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद कांस्टेबल मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री आदि ने कुंवर विक्की को विजय दिवस पर सेना द्वारा आयोजित ‘एट होम’ कार्यक्रम में स्पेशल इन्वाइटी के तौर पर आमंत्रित करने के लिए सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेना द्वारा कुंवर विक्की को यह सम्मान देकर यह साबित किया है कि अपने बलिदानी वीर सैनिकों व उनके परिजनों का सम्मान करने वालों को सेना ही सही मायनों में सम्मान देकर उनका मनोबल बढ़ाती है।