बांदा जेल में बेहोश होकर गिर गया था, भाई ने कहा था-उसे धीमा जहर दिया जा रहा
जेल में जांच के दौरान ही पड़ा था अटैक, एक घंटे तक जिंदगी और मौत से जूझता रहा मुख्तार
मुख्तार की मौत के बाद कई जिलों में धारा 144, सुरक्षा कड़ी, पूरे प्रदेश में अलर्ट
बांदा,(राजदार टाइम्स): उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से गुरुवार रात को मौत हो गई। मुख्तार को उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में रात 8:25 बजे जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले लाया गया था। 9 डॉक्टर्स ने इलाज किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। मुख्तार की मौत के बाद कई जिलों में धारा 144, सुरक्षा कड़ी, पूरे प्रदेश में अलर्ट।माफिया मुख्तार को जेल से मेडिकल कॉलेज लाते ही, डीआईजी अमित कुमार, कमिश्नर बालकृष्ण त्रिपाठी के अलावा डीएम व एसपी भी डटे रहे। भारी पुलिस फोर्स, पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स फोर्स ने पूरे मेडिकल कॉलेज को घेर रखा था। कोई भी बाहरी व्यक्ति भीतर नहीं जा सकता था। मेडिकल कॉलेज के मरीजों के पास भी सिर्फ एक-एक तीमारदार को छोड़कर सभी को बाहर कर दिया गया। अधिकारियों को यह भी आशंका रही कि परिजनों के मेडिकल कॉलेज पहुंचने के बाद किसी तरह का हंगामा न हो, इसके लिए भी कई वज्र वाहन और दमकल की गाड़ियां भी मेडिकल कॉलेज के बाहर खड़ी करा दी गईं हैं।बीती 19 मार्च से भले ही मुख्तार को पेट दर्द की शिकायत रही हो और वह खाने में जहर देने का आरोप लगाता रहा हो, लेकिन उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई। जेल सूत्रों की मानें तो मुख्तार को हार्ट अटैक मेडिकल कॉलेज में नहीं बल्कि कारागार में जांच के दौरान ही पड़ गया था। इसके बाद ही आनन फानन अधिकारियों की टीम ने एंबुलेंस बुलवाकर उसे मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। जहां करीब एक घंटे तक मुख्तार जिंदगी और मौत से जूझता रहा। रात करीब साढ़े नौ बजे के आसपास उसकी मौत हो चुकी थी, लेकिन इसकी पुष्टि तकरीबन एक घंटे बाद साढ़े दस बजे तब की गई, जब मेडिकल कॉलेज को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया। दो दिन पहले मेडिकल कॉलेज से आने के बाद मुख्तार ने खाना-पीना न के बराबर कर दिया था। बुधवार तक कुछ फल ही खाए थे। जेल सूत्रों के मुताबिक गुरुवार दोपहर से उसकी तबीयत दोबारा बिगड़ने लगी थी। सूचना मिलते ही जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों की टीम ने मौके पर पहुंच कर उसकी सेहत की जांच की थी।
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