होशियारपुर,(राजदार टाइम्स): निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग पंजाब के हुक्मों और सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ.पवन कुमार शगोत्रा ​​के दिशा-निर्देशानुसार डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ.हरबंस कौर के मार्गदर्शन में मैनेजर इंद्रवीर सिंह के सहयोग से फूड एंड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट एनएफसीआई में मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। इस अवसर पर डॉ.महिमा मिन्हास मेडिकल ऑफिसर, जिला नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र होशियारपुर से निशा रानी प्रबंधक, काउंसलर प्रशांत आदिया, काउंसलर तानिया और संस्थान के अधिकारी, कर्मचारी और छात्र उपस्थित थे। डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ.हरबंस कौर ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा शुरू किया गया। यह दिन ‘मेंटल हेल्थ एट वर्क’ यानी कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य थीम के तहत मनाया जा रहा है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति किसी न किसी वजह से मानसिक तनाव में रहता है। मानसिक स्वास्थ्य सभी लोगों के लिए एक बुनियादी अधिकार है। उन्होंने कहा कि अच्छा मानसिक स्वास्थ्य हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, फिर भी वैश्विक स्तर पर आठ में से एक व्यक्ति प्रतिकूल मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के साथ जी रहा है, जो उनके शारीरिक स्वास्थ्य, उनकी भलाई, दूसरों के साथ उनके संबंध को प्रभावित करता है। हमारा समाज अभी तक मानसिक बीमारी के प्रति जागरूक नहीं है। मानसिक बीमारी भी अन्य शारीरिक बीमारियों की तरह ही है और इसे ठीक किया जा सकता है। इस बीमारी से लड़ने के लिए रचनात्मक सोच सबसे बड़ा हथियार है। खुद को अकेला रखना, हर समय सोचते रहना, किसी से बात करने का मन न करना, हर समय बुरे विचार आना, चिड़चिड़ापन, आत्मघाती मानसिकता, अधिक गुस्सा करना, मानसिक रूप से ऐसा लक्षण दिखे तो विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास जाएं और दिखाएं इलाज करवायें। निशा रानी ने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का गहरा संबंध है और यह स्पष्ट रूप से स्थापित हो चुका है कि अवसाद हृदय और रक्त संचार रोगों का कारण बनता है। मानसिक विकार व्यक्ति के स्वास्थ्य संबंधी व्यवहारों जैसे समझदारी से खाना, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, सुरक्षित यौन संबंध, शराब और धूम्रपान, चिकित्सा उपचार का पालन आदि को प्रभावित करते हैं और इस प्रकार शारीरिक बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। काउंसलर तानिया ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य विकार बेरोजगारी, टूटे हुए परिवार, गरीबी, नशीली दवाओं की लत और अपराध जैसी सामाजिक समस्याओं को भी जन्म देते हैं। मानसिक स्वास्थ्य विकार प्रतिरक्षा क्रियाशीलता में विनाश  भूमिका निभाते हैं। मधुमेह, कैंसर, हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियाँ अवसाद के खतरे को बढ़ाती हैं। काउंसलर प्रशांत आदिया ने कहा कि अगर आपकी तबीयत ठीक नहीं है तो मदद मांगने में कोई शर्म नहीं है। वास्तव में, समर्थन माँगने के लिए साहस चाहिए, जो आपका जीवन बदल सकता है। ऐसी स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेकर उचित उपचार किया जा सकता है।