त्रिलोक पुरी आश्रम में वृंदावन से लाकर रोपा कदम का पौधा
नंगल बिहाला,(एसपी शर्मा): त्रिलोक पुरी आश्रम बड़ला में महंत वैंकटेश्वर पुरी महाराज ने वृंदावन धाम से लाकर कदम का पौधा रोपा, महंत वैंकटेश्वर पुरी ने बताया कि कदंब का फूल देखने में जितना सुंदर और मनमोहक है उतना ही यह गुणकारी है। उन्होंने बताया कि कदंब के पेड़ का धार्मिक महत्व भी है। मान्यता है कि कदंब का पेड़ भगवान कृष्ण को अति प्रिय है। वह अक्सर कदंब के पेड़ पर ही बैठा करते थे। कदंब के फूल को लेकर कहानी मिलती है कि भगवान कृष्ण  यमुना के तट के किनारे जब गोपियों के वस्त्र चुराए थे। उन्हें लोक लाज का पाठ पढ़ाने के लिए उस समय भगवान कृष्ण कदम के पेड़ पर चढ़कर बांसुरी बजा रहे थे। आज भी लोग यमुना के तट पर निधिवन के पास कदंब के पेड़ के दर्शन करने के लिए जाते हैं। भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु को कदंब अति प्रिय है इसलिए इसका फूल इनकी पूजा में इस्तेमाल करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। भगवान विष्णु को कदंब का फूल चढ़ाने से गुरु ग्रह अनुकूल होता है। साथ ही गुरु ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते हैं। वास्तु के अनुसार, कदंब के फूल को घर में लगाते हैं तो घर में सकारात्मकता बनी रहती है। साथ ही व्यक्ति को लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी काफी अच्छी रहती है। कदंब का इस्तेमाल त्वचा रोगों के लिए भी किया जाता है। प्राचीन काल में त्वचा रोगों का उपचार करने के लिए इस पेड़ के अर्क का पेस्ट बनाकर इस्तेमाल किया जाता था। इस पेड़ का अर्क व्यक्ति को बैक्टीरिया से बचाता था। इसके अलावा नियमित तौर पर इसका लेप चेहरे पर लगाने से चेहरे पर निखार आता है।अगर कोई व्यक्ति लिवर की समस्या से ग्रस्त है तो कदंब आपके लिए लाभकारी रहेगा। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए कदम के फल और फूल के सेवन करना चाहिए।