फगवाड़ा,(शिव कौड़ा): अदालतों में मुकद्दमो का बोझ करने के उद्देश्य से फगवाड़ा कोर्ट कांपलैक्स में लोक अदालत का आयोजन किया गया। ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट सीनियर डिवीजन सुरेखा डडवाल, हर्षबीर संधू (जे.एम.आई.सी.) के अलावा मैंबर्स एडवोकेट धनदीप कौर, अंकित ढींगरा एवं सोनिका हांडा व सनी देव ने कुल 1250 केसों में से 725 केसों का मौके पर ही दोनों पक्षों की आपसी सहमती से निपटारा करवाया। बार एसोसिएशन फगवाड़ा की महासचिव एडवोकेट धनदीप कौर ने बताया कि लोक अदालतें वह मंच होता है जहां विवादों को दोनों पक्षों की आपसी सहमति से निपटाया जाता है। लोक अदालत को विवादों के निपटारे का वैकल्पिक साधन कहा जा सकता है। जिसमें आमतौर पर संपत्ति अधिग्रहण, वित्तीय विवाद, और वैवाहिक मुद्दों जैसे पारिवारिक विवादों का निपटारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में किसी पक्ष को सजा नहीं होती। विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाता है। लोक अदालत के फैसले के अनुसार मुआवजा और हर्जाना भी तुरंत अदा होता है। खास बात यह है कि लोक अदालत के फैसलों के खिलाफ किसी भी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती। लोक अदालत में समझौते के जरिए निपटाए गए मामले में कोर्ट फीस भी लौटा दी जाती है। इस अवसर पर एडवोकेट आशीष कुमार, एडवोकेट संजना, एडवोकेट मनप्रीत कौर, एडवोकेट प्रभा, एडवोकेट ममता रानी, एडवोकेट मनमोहन सिंह, एडवोकेट राजीव शर्मा, एडवोकेट गुरदेव सिंह आदि उपस्थित थे।