कहा, रोजगार के बेहतर अवसर ही नशे पर लगा सकते हैं लगाम
बच्चों को सही रास्त दिखाने में अभिभावकों व अध्यापकों की जिम्मेदारी सबसे अहम
नशे के खात्मे के लिए पंजाब सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की
होशियारपुर,(राकेश राणा):
डी.ए.वी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पंजाब में नशे के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ रही है और अब यह एक जन आंदोलन का रूप लेने लगा है। उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों की सराहना करते हुए कहा कि इससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देने लगा है और लोग अब नशे के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि नशे की समस्या को केवल सरकारी प्रयासों से समाप्त नहीं किया जा सकता, इसके लिए समाज के हर वर्ग माता-पिता, शिक्षक, युवाओं, आम जनता और प्रशासन को मिलकर सक्रिय भूमिका निभानी होगी। बेरोजगारी व खालीपन नशे के मूल कारण हैं। यदि युवाओं को रोजगार और रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा जाए, तो वे इस बुराई से बच सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि शैक्षणिक संस्थान अपनी भूमिका निभाएं, टीमें बना कर विद्यार्थियों को गांवों में भेजें ताकि उन्हें जमीनी हकीकत का पता चल सके। इससे नशे में 50 प्रतिशत तक की कमी लाना संभव है। पंजाब के राज्यपाल ने माताओं को बच्चों के जीवन में सबसे प्रभावशाली बताते हुए कहा कि बुरी संगत एवं नशे से बचाने में मां की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है।

उन्होंने माता-पिता से अपील की कि वे बच्चों को खेती, व्यवसाय व खेलकूद जैसी सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ें और उन्हें मेहनत की आदत डालें। इससे पहले विलेज/वार्ड डिफेंस कमेटियों के सदस्यों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इन कमेटियों की भूमिका नशा विरोधी अभियान में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इन कमेटियों को अधिक सशक्त बनाया जाए, ताकि वे नशा तस्करों की पहचान और रोकथाम में निर्णायक भूमिका निभा सकें। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पंजाब वीरों, संतों और बलिदानियों की धरती है। जिसने आज़ादी की लड़ाई से लेकर देश की रक्षा और अन्न उत्पादन तक में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पंजाब को अपनी पुरानी गरिमा और नेतृत्व की भूमिका में लौटाने के लिए नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लडऩी होगी। उन्होंने दोहराया कि नशे के खिलाफ यह युद्ध तभी सफल हो सकता है। जब प्रशासन, समाज, माता-पिता, युवा और हर नागरिक मिलकर एकजुट हों। उन्होंने कहा कि जो काम मिले उसे लगन से करो। आदमी की इज्जत गुण से होती है, पैसे से नहीं। डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने जिले में नशे के खिलाफ किए जा रहे कार्यों के बारे में राज्यपाल पंजाब को विस्तार से जानकारी दी। जिले के नशा छुड़ाओ केंद्रों में बैडों की संख्या 100 से बढ़ाकर 460 कर दी गई हैं। इसी तरह निजी नशा छुड़ाओ केंद्र में भी बैडों की क्षमता 70 से बढ़ाकर 222 कर दी गई है। उन्होंने बताया कि टांडा, मुकेरियां व गढ़शंकर में तीन नए मनोचिकित्सकों की नियुक्ति की गई है।

इसके अलावा जिले में तीन नए ओट सैंटर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिले के हाट स्पाट इलाकों में हम लोगों को जागरुक करने के लिए डोर टू डोर टीमें बनाकर भेज रहे हैं। जिला पुलिस भी नशे के खिलाफ अभियान में बाखूबी जिम्मेदारी निभा रही है। पुलिस जहां बड़े नशा तस्करों को पकड़ रही है वहीं उनकी जायदादों को भी जब्त किया जा रहा है। उन्होंने राज्यपाल पंजाब को विश्वास दिलाया कि जल्द ही होशियारपुर जिला 100 प्रतिशत नशा मुक्त हो जाएगा। राज्यपाल पंजाब के सचिव विवेक प्रताप सिंह, डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन, एस.एस.पी संदीप कुमार मलिक, ए.डी.सी सामान्य अमरबीर कौर भुल्लर, एस.डी.एम होशियारपुर गुरसिमनजीत कौर, डी.ए.वी कालेज मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष डॉ.अनूप कुमार, डी.ए.वी कॉलेज आफ एजुकेशन विधि भल्ला।