इस बार पहुँचे 35 हजार के लगभग प्रवासी पक्षी
दातारपुर,(एसपी शर्मा): पौंग बांध स्थित महाराणा प्रताप सागर झील में प्रवासी पक्षियों की आमद के साथ ही पर्यटकों का आगमन भी शुरू हो गया है। तीन दिन पहले हुई पाक्षिक गणना में पौंग झील में बारहेडिड गीज, कामनटील, नार्दन पेंटल, कामनकूट, लिटल कोरमोरेंट, चिफ चेफ, रुडी, शेल्डक, कामन, पोचार्ड, कामन टिल, लिटिल, कोर्मोरेंट, स्पाट्विल, मलार्ड बर्ड, युरेशियन टीलमूर हेन व ग्रेट इग्रेट प्रजातियों के 35 हजार विदेशी परिंदे पहुंच चुके हैं, जिनकी संख्या सर्दियां बढ़ने के साथ बढ़ती ही जाएगी। पौंग झील में अब तक सबसे अधिक बारहैडेड गूज व कॉमन कूट प्रजाति के सबसे अधिक प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं।पिछले दो साल पहले दिसंबर में इन्हीं दो प्रजातियों की बर्ड फ्लू से मौत का सिलसिला शुरू हुआ था और फरबरी तक हज़ारों प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई थी। वन्यप्राणी विभाग ने पहले ही आगाह कर दिया है कि अगर कोई प्रवासी पक्षी मृत देखा जाता है तो उसे छुएं नहीं, बल्कि इसकी सूचना वन्यप्राणी विभाग को दी जाए।वन्यप्राणी विभाग की टीम ने पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की पाक्षिक गणना की। पाक्षिक गणना में पौंग झील में 78 प्रजातियों के 35 हजार प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं।पाक्षिक गणना के लिए वन्यप्राणी विभाग ने 15 टीमों का गठन किया। देर रात तक गणना अभियान चलाया गया। वन्यप्राणी विभाग के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी तक झील में किसी भी प्रवासी पक्षी के मरने की सूचना नहीं है। अगर किसी को कोई पक्षी झील क्षेत्र में मृत दिखाई देता है तो उसे न छुएं और इसकी सूचना वन्यप्राणी विभाग को दी जाए।बारहैडेड गिज 8345, कॉमन कूट 7127, नार्थर्न पिनटेल 3621, लिटिल कर्मोनेंट 3130, कामन टील 2728, कॉमन पोचार्ड 1601, रुड्डी शैलडक 1149, गडवाल 916,स्पॉट-बिलड डक 890, नॉर्थर्न शोवलर 445, कैटल इग्रेट 423, कॉमन मूरथेन 370, पर्पल मूरथेन 314, ब्लैक-हेडेड गुल्ल 289, रिवर टेरन 282, टफटेड पौचार्ड 231, रशियन विजियन 224, ब्लैक विंगेड स्टिल्ट 209, ब्राउन हेडेड गुल्ल 185 व रिवर लैप्विंग 156 प्रवासी पक्षी पौंग झील में अब तक पहुंच चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि मध्य एशिया यूरोप तिब्बत और साइबेरिया में इन दिनों भीषण सर्दी में यह पक्षी यहां हजारों किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद पहुंचते हैं और मध्य मार्च तक यहां रहते हैं और फिर वापस चले जाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल यहां सवा लाख के करीब इन मेहमान परिंदों ने आशियाना बनाया था।