कहा, किसी भी प्रकार का बुखार खांसी जुखाम होने पर बच्चे को जल्द से जल्द ले जाएं नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर
होशियारपुर,(राजदार टाइम्स):
स्वास्थ्य विभाग पंजाब व सिविल सर्जन डॉ.पवन कुमार शगोत्रा के दिशा-निर्देशों के अनुसार मीडिया विंग द्वारा आज सिविल अस्पताल होशियारपुर के बाल विभाग में ‘हर सांस महत्वपूर्ण है, निमोनिया को उस की राह में ही रोकें’ विषय के तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया। विश्व निमोनिया दिवस को लेकर सिविल सर्जन डॉ.पवन कुमार ने जागरूकता सामग्री का विमोचन किया। इस अवसर पर सीनियर मेडिकल अफ़सर इंचार्ज सिविल अस्पताल होशियारपुर डॉ.स्वाति, सहायक सिविल सर्जन डॉ.कमलेश कुमारी, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.सीमा गर्ग, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जतिंदर भाटिया, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी डॉ.तृप्ता देवी, मैडम आशा एवं भूपिंदर सिंह मौजूद रहे। सिविल अस्पताल की बाल ओपीडी में मनाए गए विश्व निमोनिया दिवस के संबंध में संबोधन करते हुए जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.सीमा गर्ग ने बताया कि निमोनिया एक गंभीर बीमारी है। बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए इसके प्रति जागरूक रहना सभी के लिए अनिवार्य है। इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण बहुत जरूरी है।

किसी भी प्रकार का बुखार खांसी जुखाम होने पर बच्चे को जल्द से जल्द नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं और विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें। छोटे बच्चों को सर्दी-जुकाम वाले व्यक्ति से दूर रखना चाहिए, क्योंकि निमोनिया से पीडि़त रोगी के कीटाणु साँस द्वारा अन्य लोगों को प्रभावित कर सकते हैं। अपने आस-पास व हाथों की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.हरनूरजीत कौर ने कहा कि निमोनिया एक गंभीर श्वसन संक्रमण है जोकि फेफड़ों को प्रभावित करता है। निमोनिया कई संक्रामक एजेंटों के कारण होता है, जिनमें वायरस, बैक्टीरिया और फंजई शामिल हैं। निमोनिया के मुख्य लक्षण सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द, हरा या पीला कफ, थकान, बुखार, पसीना, सांस लेने में तकलीफ आदि हैं। रोकथाम व उपचार योग्य बीमारी होने के बावजूद, यह पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। इसलिए इस बीमारी के होने पर बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चों के विशेषज्ञ डॉ.राजवंत कौर ने कहा कि निमोनिया बच्चों को बहुत अधिक प्रभावित करता है। इसलिए इस बीमारी से बचाने के लिए नवजात शिशुओं को जन्म के एक घंटे के भीतर मां का दूध और 6 महीने तक केवल माँ का दूध ही पिलाना चाहिए। इसके अलावा स्वच्छ पेयजल का उपयोग और हाथों की सफाई, बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण, बदलते मौसम में बच्चों के शरीर को गर्म/ऊनी कपड़ों से ढककर सर्दी से बचाना, बच्चों को जमीन पर नंगे पैर न चलने देना, हवा में धुआं न फैलने देने जैसे उपायों से निमोनिया से बचाव किया जा सकता है। डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर डॉ.तृप्ता देवी ने बताया कि हर साल 12 नवंबर को पूरे विश्व में विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य आम जनता में निमोनिया की बीमारी के प्रति जागरूकता और गंभीरता पैदा करना है। हालाँकि निमोनिया किसी भी उम्र में हो सकता है, यह आमतौर पर छोटे बच्चों में जल्दी विकसित हो जाता है। निमोनिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। बच्चों का समय पर सम्पूर्ण टीकाकरण बहुत जरूरी है।