फगवाड़ा,(शिव कौड़ा): दोआबा साहित्य एवं कला अकादमी की मासिक मीटिंग, जो अकादमी के अध्यक्ष डा.जवाहर धीर की अध्यक्षता में आर्य माडल सी.सै.स्कूल गऊशाला रोड पर आयोजित हुई में उपस्थित साहित्यकारों ने ठाकुर दास चावला की पुस्तक ‘मेरी अनोखी दुनिया- 50’पर चर्चा हुई। चर्चा में भाग लेते हुए रविन्द्र सिंह चोट ने कहा कि चावला जी पत्रकारिता के बाबा बोहड़ तथा अपने आप में एक संस्था हैं।एक सफल कारोबारी, पत्रकार, लेखक, कवि, सम्पादक, इंजीनियर और अनेकों संस्थाओं के प्रमुख के रूप में काम करके यह सिद्ध कर दिया है कि सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को कितना दृढ़ निश्चयी होना पढ़ता है। पुस्तक पर चर्चा में भाग लेते हुए श्रीमती सरला भारद्वाज ने कहा कि चावला जी ने अपने जीवन की यादों याद करते हुए जिस ढंग से लिपिबद्ध किया है,उसकी प्रशंसा करनी होगी। साहित्यकार डा.जवाहर धीर ने कहा कि अस्सी बर्ष की उम्र में छः साल की उम्र में घटी घटनाओं लिखना कोई छोटी बात नहीं है। किसी भी व्यक्ति के लिए अपने जीवन पर खुद लिखना सबसे कठिन काम है, जिसे लिखने में लेखक ने पूरी इमानदारी से काम लिया है क्योंकि मैंने स्वयं पिछले लगभग अठावन साल से इनके जीवन को करीब से देखा है। अंत में लेखक ने दोआबा अकादमी का इस सार्थक चर्चा के आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया। चर्चा से पूर्व उपस्थित कवियों सुखदेव सिंह गंडवा, हरचरन भारती, राजेश अध्याय तथा जालन्धर से विशेष रूप से पधारीं सरला भारद्वाज ने बहुत ही भावपूर्ण कविताएं एवं ग़ज़लें सुनाकर महफ़िल में समां बांध दिया।इस अवसर पर राजेंद्र साहनी और चारू दत्त सुधीर भी उपस्थित थे।