शांति की चाहत है तो करें ईश्वर की अराधना : महंत रमेश दास
कहा, उपासना छोड़ कर वासना की राह ही है दु:खों का कारण
दातारपुर,(एसपी शर्मा): भौतिकवाद, पश्चिमी सभ्यता का अन्धानुकरण तथा तेज रफ्तार जिन्दगी के कारण हरेक व्यक्ति तनाव से ग्रस्त है। मनुष्य सुख के जितने भी साधन जुटा रहा है, सभी उसे तनाव ही दे रहे हैं। बाबा लाल दयाल आश्रम दातारपुर में संक्रान्ति के अवसर पर उपस्थिति को प्रवचन करते हुए महामंडलेश्वर महंत रमेश दास ने उक्त शब्द कहे। उन्होंने कहा कि इस भागमभाग भरे जीवन से मनुष्य की मानसिक शान्ति ही गुम हो गयी है और हरेक इंसान इस खोई हुई शांति को पुन प्राप्त करने की कोशिश में है। वह हर सांसारिक ऐश्वर्य तथा वैभव प्राप्त कर लेना चाहता है पर शांति उससे उतनी ही दूर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि इसी अशांति से तनाव उपजता है और इंसान नशों का आदि हो जाता है अथवा तनाव, ब्लड प्रेशर, अवसाद आदि मानसिक रोगों का शिकार बनता जा रहा है। शांति प्राप्त करने का एकमात्र सुलभ उपाय है। ईश्वर की शरण में जाना अथवा प्रार्थना करना, जिससे मानसिक शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि दु:ख का असली कारण ही है, उपासना को छोड़ कर वासना की शरण में जाना। प्रभू जैसा न कोई श्रोता है न कोई वक्ता ना कोई दाता ही है। उन्होंने कहा कि प्रभु ही है जो हमारे सभी कष्टों का निराकरण कर सकते है। हमें सच्चा सुख प्रदान कर सकते हैं। ईश्वर के नाम स्मरण से सभी समस्याएं दूर होती है। मन प्रसन्न होता है वे बड़े दयालु है और सबके पालनहार हैं। हमे उन्हीं की शरण लेनी चाहियें क्योंकि इस के अलावा कोई दूसरा रास्ता ही नही है। इस अवसर पर अशोक गुलाटी, तरसेम लाल, सुदर्शन कुमार, शाम सुंदर, जय शंकर, गोपाल शर्मा, अमित शारदा, गोविन्द, अनीता, शीला, सुधा, नीलम, अरुणा, भोली देवी भी उपस्थित थे।