होशियारपुर,(राजदार टाइम्स): डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल के निर्देशानुसार व किसानों को रबी की फसल की बुवाई के लिए आवश्यक खाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जिले में एक विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत विभिन्न टीमों द्वारा खाद विक्रेताओं की दुकानों एवं गोदामों की औचक जांच की गई। मुख्य कृषि अधिकारी दीपईंदर सिंह ने बताया कि गेहूं की बुवाई के लिए फास्फोरस तत्व की आवश्यकता होती है। जिसके लिए किसानों द्वारा डी.ए.पी खाद का उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि डी.ए.पी खाद के विकल्प के रूप में किसान ट्रिपल सुपर फास्फेट, सिंगल सुपर फास्फेट और अन्य फॉस्फेटिक खादों का भी उपयोग कर सकते हैं। मुख्य कृषि अधिकारी ने कहा कि ट्रिपल सुपर फास्फेट में भी डी.ए.पी की तरह 46 प्रतिशत फास्फोरस तत्व होता है और इसकी कीमत प्रति बोरी 13 सौ रुपए है। जबकि डीएपी की कीमत प्रति बैग 1350 रुपए है। इसके अलावा बाजार में उपलब्ध अन्य फॉस्फेटिक खादें भी इस्तेमाल की जा सकती हैं। उन्होंने खाद विक्रेताओं को निर्देश दिए कि अपने प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) मशीनों में उपलब्ध विक्रय किए गए खाद का स्टॉक निल करें और यह सुनिश्चित करें कि पीओएस मशीनों व दुकानों पर उपलब्ध खाद का स्टॉक एक समान हो तांकि आवश्यकतानुसार केंद्र सरकार से डी.ए.पी खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। मुख्य कृषि अधिकारी ने सभी डीलरों को यह भी निर्देशित किया कि वे अपने लाईसेंस और आवश्यक दस्तावेज पूरे रखें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। उन्होंने कहा कि डीलरों द्वारा किसानों को जो भी कृषि सामग्री बेची जाती है। उसका बिल काट कर दिया जाए एवं केवल आवश्यक सामग्री ही किसानों को बेची जाए और अनावश्यक वस्तुएं किसानों को न दी जाएं।