पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जि़ले में गठित की गई हैं 32 टीमें
पराली को आग न लगाएं किसान, वैकल्पिक तरीकों का करें प्रयोग
टांडा,(राजदार टाइम्स): डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल एवं एसएसपी सुरेंद्र लांबा ने ब्लॉक के गांव भुलपुर का दौरा किया। उन्होंने पराली जलाने की रोकथाम के लिए प्रशासन की तरफ से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी तथा किसानों को पराली प्रबंधन के लिए जागरूक किया। डिप्टी कमिश्नर ने जानकारी देते हुए बताया कि सिविल और पुलिस प्रशासन की ओर से जिले में कुल 32 टीमें गठित की गई हैं। जिनमें से 10 टीमें सिर्फ टांडा ब्लाक के लिए बनाई गई हैं, जो कि संवेदनशील क्षेत्र है। यह टीमें फील्ड में जाकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि किसी भी खेत में पराली न जलाई जाए।
यह टीमें गांव-गांव में जाकर पराली प्रबंधन के लाभ और पराली जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति किसानों को जागरूक कर रही हैं। डिप्टी कमिश्नर ने गांव में पराली से बनाए जा रहे बेलज का निरीक्षण भी किया और किसानों के इस प्रयास की प्रशंसा की। किसानों से बातचीत करते हुए उन्हें पराली प्रबंधन के विभिन्न विकल्पों के बारे में बताया। पराली को जलाने के बजाय एक्स-सीटू और इन-सीटू मैनेजमेंट के माध्यम से इसका उपयोग किया जा सकता है। इसके अलाईन विधियों से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होती है, बल्कि भूमि की उर्वरक शक्ति भी बनी रहती है। उन्होंने किसानों को यह भी याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पराली जलाने पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यदि किसी किसान को पराली प्रबंधन के लिए किसी विशेष मशीनरी की आवश्यकता होती है, तो वह संबंधित कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकता है। किसानों को विभिन्न प्रकार की मशीनरी की सहायता प्रदान की जा रही है ताकि किसान पराली को सुरक्षित तरीके से प्रबंधित कर सकें। एसएसपी सुरेंद्र लांबा ने इस अवसर पर कहा कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है, बल्कि जमीन की उर्वरता भी घटती है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे पराली को आग न लगाएं और वैकल्पिक तरीकों का प्रयोग करें। उन्होंने सभी किसानों से अपील की कि वे पराली को आग न लगाकर पर्यावरण की सुरक्षा में सहयोग करें। इस मौके पर एसडीएम टांडा पंकज कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी दीपईंदर सिंह के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।