फगवाड़ा,(शिव कौडा): जेसीटी मिल मालिकों से अपनी बकाया राशी के लिये संघर्ष कर रहे सैंकड़ों मजदूरों की एक हंगामी बैठक आज थापर कालोनी में हुई। इस दौरान उपस्थित समूह मजदूरों ने एक स्वर में कहा कि इंडियन नैशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) उनके अधिकार की लड़ाई लडऩे में पूरी तरह से विफल रही है। क्योंकि इंटक की स्टेट बाडी द्वारा नियुक्त फगवाड़ा प्रधान और पदाधिकारी मिल मालिकों से सांठगांठ करके चंद मजदूरों का वेतन और भत्ते दिलाकर मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहते हैं। जबकि मिल के करीब तीन हजार मजदूर अपने हक के लिये रवि सिद्धू के नेतृत्व में लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। मिल मजदूरों ने आक्रोषित स्वर में कहा कि 12 नवंबर को जब मिल मालिकों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाने को लेकर मिल के गेट पर हजारों मजदूर एकत्रित थे तो फगवाड़ा प्रधान का मौके से नदारद रहना इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि इंटक के पदाधिकारियों की मिल मालिकों से अन्दरखाते सांठगांठ है। इस दौरान समूह मजदूरों ने आपसी सहमती से इंटक यूनियन से किनारा करके जेसीटी मिल मजदूर यूनियन का गठन करने का ऐलान किया। जिसके अन्तर्गत करीब पन्द्रह सौ मजदूरों ने लिखित में रवि सिद्धू को अपना समर्थन देते हुए प्रधान मनोनीत किया।
जिसके बाद रवि सिद्धू ने सर्वसम्मति से अपनी बाडी का गठन करते हुए सुनील पांडे को चेयरमैन, शारदानंद सिंह को उप प्रधान, नवल किशोर सिंह को महासचिव, अनिल मिश्रा को सचिव, धर्मेन्द्र सिंह को कैशियर, मदन कुमार मिश्रा को मीडिया इंचार्ज नियुक्त किया गया। कार्यकारी सदस्यों में तरुण शर्मा लक्की, जसवीर जस्सी, राम ईश्वर कुमार, जतिन्द्र कुमार, राम भरोसे यादव, संतोष कुमार, सागर शर्मा, बच्चू सिंह, संतोष पांडे, राजिन्द्र यादव, सत्यनारायण सिंह के अलावा पुष्पा देवी, गीता तिवारी, रिद्धि देवी को शामिल किया गया। नव नियुक्त प्रधान रवि सिद्धू ने समूह मजदूर भाईचारे को विश्वास दिलाया कि जिस तरह मिल मालिक समीर थापर और मुकुलिका सिन्हा के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज हुई है, उसी तरह शेष रहते सभी आरोपियों के खिलाफ भी जल्दी कार्रवाई के लिये पुलिस एवं प्रशासन पर दबाव बनाया जायेगा। उन्होंने मिल प्रबंधकों को भी स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि मिल की एक सूई भी तब तक मिल से बाहर नहीं जाने दी जायेगी जब तक एक-एक मजदूर को उसके हक की पूरी रकम का भुगतान नहीं होगा। उन्होंने तल्ख लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि मिल का सामान उठाने के लिये जो भी व्यक्ति मिल में दाखिल होगा वह आयेगा तो अपनी मर्जी से लेकिन वापिस मजदूरों की मर्जी से ही जायेगा।