दीवाली सरहद वाली…
देशवासियों के त्यौहारों के रखवाले हैं हमाारे जांबाज सीमा प्रहरी : कुंवर विक्की
सरहद पर जवानों संग दीपावली मना बढ़ाया मनोबल
सरहद के कोने-कोने में गूंजा भारत माता का जयघोष
पठानकोट,(बिट्टा काटल): दीपावली का त्यौहार सारे देशवासी हर्षोल्लास के साथ अपने परिवार से साथ मनाते हैं, मगर रोशनियों की चकाचौंध में अक्सर हम उन चेहरों को भूल जाते हैं। जिन सीमा प्रहरियों की बदौलत हम यह प्रकाशमयी उत्सव अपने घरों में सुरक्षित रहकर मना पाते हैं। सरहद पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों का मनोबल बढ़ाने हेतु शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद व शहीद परिवारों ने दीवाली के इस पर्व पर भारत-पाक सीमा की जीरो लाईन पर स्थित बी.एस.एफ की चक्करी पोस्ट पर जाकर जब जवानों को मिठाई, कैंडल, पटाखे, फुलझडिय़ां व राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा भेंट किया तो सरहद का कोना-कोना भारत माता की जय, वीर बलिदानी अमर रहें, सीमा सुरक्षा बल जिंदाबाद के जयघोष से गूंज उठा। इस अवसर सीमा सुरक्षा बल की 58 बटालियन के डिप्टी कमांडेंट रजनीकांत की अध्यक्षता में आयोजित ‘‘दीवाली सरहद वाली’’ समारोह को संबोधित करते हुए परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद देश की पहली ऐसी संस्था है। जिसके सदस्य पिछले कई वर्षों से शहीद परिवारों को साथ लेकर सरहद पर जाकर अपने देश के वीर जवानों के साथ दीवाली, होली व रक्षा बंधन जैसे त्यौहार मनाकर उनका मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें यह एहसास करवाते हैं कि हम भी उनके परिवार का हिस्सा हैं। आज देशवासी इन वीर सैनिकों की बदौलत ही अपने सभी त्यौहार हंसी-खुशी सुरक्षित रहकर मना पा रहे हैं। कुंवर विक्की ने कहा कि इस पावन त्यौहार पर हर शख्स चाहता है कि अपने परिवार के साथ इस प्रकाशमय उत्सव को मनाए मगर अपने घरों से हजारों मील दूर यह जवान पूरी चौकसी के साथ अपनी डयूटी को तनदेही से निभाते हुए दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं, ताकि देशवासी सुकून से दीवाली मना सकें। उन्होंने कहा कि हमारे सीमा प्रहरी सही मायनों में हमारे त्यौहारों के रखवाले हैं ऐसे में समूह देशवासियों का यह फर्ज बनता है कि ऐसे पर्व हम इन सीमा प्रहरियों के साथ मनाते हुए इनका मनोबल बढ़ाएं ताकि इन्हें अपने परिवारों की कमी महसूस न हो। हमारी सीमा सुरक्षा बल देश की ‘‘फस्र्ट लाइन ऑफ डिफेंस’’ है इनके अदम्य साहस व शौर्य की बदौलत ही हमारी सीमाएं महफूज हैं और हमारे देशवासी अमन व चैन की नींद ले पाते हैं। इस अवसर पर राजपूत महासभा लोकसभा हलका गुरदासपुर के प्रधान कुंवर संतोख सिंह, ग्राम सुधार सभा बहरामपुर के प्रधान ठाकुर विजय सिंह सलारिया, एस.डी.ओ नरेश त्रिपाठी, कंपनी कमांडर इंस्पेक्टर मनोज कुमार, इंस्पेक्टर सतीश सैनी,एस.आई मांगी लाल, ए.एस.आई राकेश कुमार, ए.एस.आई एल.बी सिंह,महिला कांस्टेबल प्रतिमा कुमारी, कांस्टेबल अभिषेक कुमार आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर एस.डी.ओ नरेश त्रिपाठी, राजपूत महासभा लोकसभा हलका गुरदासपुर के प्रधान कुंवर संतोख सिंह, ग्राम सुधार सभा के अध्यक्ष ठाकुर विजय सिंह सलारिया ने भी संबोधित कर जवानों के हौंसले को बढ़ाया।
देश मनाए दीवाली, हम करेंगे रखवाली : डिप्टी कमांडेंट
डिप्टी कमांडेंट रजनीकांत ने परिषद के सदस्यों व शहीद परिवारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सालों के सेवा काल के दौरान पहली बार हुआ है कि किसी संस्था ने शहीद परिवारों को साथ लेकर दीवाली का त्यौहार सरहद पर पहुंच कर जवानों के साथ मनाते हुए हमें अपने परिजनों की कमी महसूस नहीं होने दी। उन्होंने कहा कि सीमा पर तैनात हमारे जवानों का मनोबल ऊंचा है इन पर कोई मानसिक तनाव नहीं है। हमारे वीर जवानों के रहते कोई भी दुश्मन हमारे देश की एकता व अखंडता को भंग करने की जुर्रत नहीं कर सकता। इसलिए हम देशवासियों को भरोसा दिलाते हैं कि हम पूरी चौकसी के साथ सरहद की रखवाली कर रहे हैं। इस लिए आप परिवार संग हंसी-खुशी दीवाली मनाएं। उन्होंने कहा कि इस पावन त्यौहार पर बेशक हम अपने परिवारजनों से कोसों दूर हैं मगर सारा देश हमारा परिवार है तथा राष्ट्र की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरी है। आज जिस तरह परिषद के सदस्यों ने शहीद परिवारों को साथ लेकर इस पोस्ट पर तैनात हमारे जवानों के साथ दीपावली का त्यौहार मनाया है। यह हमारे लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है और हमें यह एहसास हुआ है की सारा देश हमारे साथ खड़ा है। उन्होंने कहा परिषद जैसी संस्थाएं हमारी ताकत हैं। जिन्होंने यहां आकर राष्ट्रसेवा के प्रति हमारे जोश को दोगुना कर दिया है।
बोले शहीद परिवार: जवानों में दिखता है अपनों का अक्स
शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, कारगिल शहीद लांसनायक रणबीर सिंह के बेटे राहुल मन्हास, पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही डिप्टी सिंह के भतीजे वरिंदर सिंह, शहीद कांस्टेबल मनदीप कुमार के पिता नानक चंद, शहीद सिपाही कुलदीप कुमार के पिता बंत राम ने नम आंखों से कहा कि अपनों को देश पर कुर्बान करने के बाद उनके लिए दीवाली जैसा त्यौहार कोई मायनें नहीं रखता, मगर आज सरहद पर आकर वर्षों बाद उन्होंने जवानों के साथ दीवाली मनाई है तथा वर्दी पहने इन जवानों में उन्हें अपने बलिदानी सपूतों का अक्स नजर आ रहा है। जिन्हें उन्होंने वर्षों पहले राष्ट्र की बलिवेदी पर कुर्बान कर दिया था। उन्होंने कहा कि हम भी सीमा सुरक्षा बल के इन जवानों के परिवार का हिस्सा ही हैं तथा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।