जरनल पर्यवेक्षक और खर्चा पर्यवेक्षक ने उम्मीदवारों और उनके पोलिंग एजेंटों के साथ की बैठक
चुनाव आचार संहिता व पोलिंग स्टेशनों से जुड़े मुद्दे, चुनावी खर्चों से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर की चर्चा
होशियारपुर,(राकेश राणा):
जिले के विधानसभा क्षेत्र चब्बेवाल में हो रहे उपचुनाव के सिलसिले में उम्मीदवारों व उनके पोलिंग एजेंटों के साथ जि़ला प्रशासकीय काम्प्लेक्स में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता जनरल पर्यवेक्षक तपस कुमार बागची एवं खर्चा पर्यवेक्षक सरेन जोस ने की। जिसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से सुनिश्चित करना था। बैठक में चुनाव आचार संहिता, पोलिंग स्टेशनों से जुड़े मुद्दे, चुनावी खर्चों से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई और सभी उम्मीदवारों को संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक के दौरान जनरल पर्यवेक्षक ने चुनाव आचार संहिता से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्रदान की और इस बात पर जोर दिया कि सभी उम्मीदवारों व उनके पोलिंग एजेंटों को चुनावी प्रक्रिया दौरान इसका सख्ती से पालन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रखना है, ताकि सभी मतदाता बिना किसी दबाव के अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। आचार संहिता में शामिल सभी नियमों और प्रावधानों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अनुचित गतिविधियों व नियमों के उल्लंघन के प्रति निर्वाचन आयोग जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है।

जरनल पर्यवेक्षक ने अपील की कि अपने प्रचार के दौरान हर पक्ष से हिदायतों का पालन यकीनी बनाया जाए व किसी भी समाज, जाति व धार्मिक भावना को ठेस न पहुंचे। किसी तरह की हेट स्पीच, किसी के निजी जीवन की ओलचना, लोगों को गुमराह करने वाले विज्ञापनों, विज्ञापनों को समाचार के रुप में न प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थानों का प्रयोग नहीं किया जा सकता। चुनाव से संबंधित कोई भी गतिविध करने के लिए संबंधित अधिकारी से मंजूरी लेना अनिवार्य व बिना मंजूरी कोई भी काम न किया जाए।
बैठक में खर्चा पर्यवेक्षक ने चुनावी खर्चों के प्रबंधन पर एक विशेष ट्रेनिंग सत्र का आयोजन भी किया। उन्होंने बताया कि भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा इस उपचुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए 40 लाख रुपए की खर्च सीमा निर्धारित की गई है। इस सीमा का उल्लंघन न हो, इसको ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों को हर खर्च का सटीक रिकॉर्ड रखना होगा। खर्चा पर्यवेक्षक ने उम्मीदवारों को निर्देश दिया कि वे अपने चुनावी खर्चों को निर्धारित सीमा के भीतर रखें और इसे पारदर्शी तरीके से दर्ज करें। उन्होंने खर्चे की निगरानी में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आयोग द्वारा सुझाए गए तरीकों की भी जानकारी दी, ताकि खर्चों का विवरण किसी भी समय सत्यापित किया जा सके। बैठक के अंत में जनरल पर्यवेक्षक और खर्चा पर्यवेक्षक ने उपस्थित उम्मीदवारों और पोलिंग एजेंटों से निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया को समर्थन देने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी उम्मीदवार द्वारा चुनावी नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो आयोग द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि चुनाव को शांति, अनुशासन, और पारदर्शिता के साथ संपन्न करने में अपना सहयोग प्रदान करें। आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देश सभी उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य हैं। इसके अंतर्गत उम्मीदवारों को प्रचार के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग न करने, चुनावी खर्च को पारदर्शी ढंग से रखने और मतदाताओं को प्रलोभन से दूर रखने का निर्देश दिया गया है।

अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर-कम-रिटर्निंग अधिकारी राहुल चाबा ने बताया कि कुल 6 उमीदवार चब्बेवाल उपचुनाव लड़ रहे हैं, जिनको चुनाव चिन्ह जारी कर दिया गया है। 13 नवंबर को चुनाव होंगे व 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से विधानसभा क्षेत्र चब्बेवाल में होने जा रहे उप-चुनाव के लिए नियुक्त किए गए जनरल पर्यवेक्षक श्री तपस कुमार बागची का मोबाइल नंबर 89182-26101, खर्चा पर्यवेक्षक सरेन जोस का मोबाईल नंबर 70876-96950 और पुलिस पर्यवेक्षक सिद्धार्थ कौशल का मोबाईल नंबर 86998-66950 है। उप-चुनाव से संबंधित किसी भी मुद्दे के लिए इन चुनाव पर्यवेक्षकों से संपर्क किया जा सकता है। इस मौके पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) कम-नोडल अधिकारी खर्चा निकास कुमार, सहायक नोडल अधिकारी खर्चा राजेश भार्गव, सहायक खर्चा पर्यवेक्षक नरेश कुमार के अलावा अन्य अधिकारी, उम्मीदवार व उनके पोलिंग एजेंट भी मौजूद थे।