कांग्रेस की अन्दरूनी लड़ाई चुनावों के मध्यनजर आने लगी खुलकर सामने
लोकसभा क्षेत्र होशियारपुर से कांग्रेस की प्रत्याशी यामिनी गोमर के पहली बार मुकेरियां पहुँचने पर दिखी गुटबंदी
मंच से ही बोला जा रहा था कि यह चुनाव राहुल गांधी का है, नाकि स्थानिय पूर्व विधायिका इंदू बाला का
मुकेरियां,(राकेश राणा): जब भी कोई चुनाव होते हैं तो लोगों का गुस्सा पार्टियों पर निकालने का सबसे बढिय़ा समय होता है। जब्कि पार्टियों के नेता कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए लुभाना शुरू किया जाता है। लोक सभा के चुनावों को देखते हुए सभी पार्टियों ने लोगों की कचहरी में जाना शुरू कर दिया है तथा बैठके कर अपने कार्यकर्ताओं को आपसी आपसी मतभेद मिटा कर अपने नेता के नाम पर वोट करने के लिए अग्रह किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुई कांग्रेस की लड़ाई, अब जमीनी स्तर पर भी देखने को मिल रही है। इस लड़ाई का नुक्सान कांग्रेस को गत विधानसभा के चुनावों में देखने को मिला था, जो कांग्रेस सत्ता में थी, वह विधानसभा के चुनावों में चौथे स्थान पर आई थी। कांग्रेसी कार्यकताओं की अपने स्थानिय नेताओं से मतभेद अब लोक सभा चुनावों में भी देखने को मिल रहा है। जिसका कांग्रेस को लोकसभा चुनावो में भी नुकसान भुगतना पड़ सकता है। कांग्रेस की आपसी खींचतान का आलम यह है कि नेताओं के साथ-साथ अब जमीनी स्तर के कार्यकर्ता भी मौके की नजाकत को देखते हुए अपना रोष करने लगे है। जमीनी स्तर तक कांग्रेस में चल रही आपसी खींच-तान की लड़ाई लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर से सामने आई, हुआ यूँ कि लोकसभा क्षेत्र होशियारपुर से कांग्रेस की प्रत्याशी यामिनी गोमर बुधवार को पहली दफा मुकेरियां के एक निजी पैलेस भंगाला चुँगी के पास पहुंची। जहां पर चुनिंदा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। देखने वाली बात यह है कि यामिनी गोमर के स्वागत में कुछ वरिष्ठ कांग्रसियों को छोड़ कर अन्य कोई भी वरिष्ठ कांग्रेसी दिखाई नहीं दिया। करवाए गए कार्यक्रम में देखने में आया कि एक-दो पार्षदों को छोडक़र शहर का कोई भी मौजूदा पार्षद नहीं दिखाई नहीं दिया। समारोह में ब्लाक समिति सदस्यों में भी मात्र चार-पाँच ही पहुँचे थे। जिला परिषद सदस्यों में से भी कोई दिखानी नहीं दिया तो ऐसे में कैसे कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशी को विजय बनाएगी। कांग्रेसी प्रत्याशी यामिनी गोमर के स्वागत में विभिन्न गाँवों से कार्यकर्ताओं के साथ महिला व युवा कार्यकर्ता भी पहुंचे हुए थे। निजी पैलेस में करवाए गया समारोह में मंच से ही एक वरिष्ठ कांग्रेसी कार्यकर्ता यह सम्बोधन करते हुए सुने गए कि यह चुनाव राहुल गाँधी है नांकि स्थानिय पूर्व विधायिका इन्दु वाला का चुनाव है। जब उनका चुनाव होगा तो आप अपना गुस्सा निकाल लेना, यह चुनाव राहुल गांधी को देश की बागडोर सौंपने का चुनाव है। इस लिए सभी को एकजुट होकर यह चुनाव लडऩा चाहिए, अगर किसी का कोई गिला शिकवा है तो वह बाद में विधानसभा चुनावों में निकाल सकते है। क्षेत्र में कांग्रेस के किले को मजबूत करने के लिए हाईकमान को स्थानीय कांग्रेस की नीतियों में हस्तक्षेत करना पड़ेगा, अन्यथा चर्चा है कि कांग्रेस की किश्ती कहीं बीच मजधार में ना फंस जाए। लगता है कि कांग्रेस पार्टी ने गत विधानसभा चुनावों से भी कोई सबक नहीं लिया। गौर करने की बात है कि कांग्रेस को आऐ दिन कोई ना कोई झटका लग रहा है। गत दिनों स्थानिय कांग्रेस के एक नेता, प्रदेश संयोजक एस.सी सेल पंजाब कांग्रेस, पूर्व ब्लाक समिति सदस्य व अपने गांव के दो बार सरपंच रहे डॉ.बहादुर सिंह कांग्रेस को छोड़ शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए। क्षेत्र में चर्चा यह भी है कि आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी को मुकेरियां से और भी झटके लग सकते है। ऐसा नहीं कि कांग्रेस पार्टी का मुकेरियां में ही ऐसा हाल है, बल्कि सारे जिले में ही कांग्रेस की हलात पतली दिखाई दे रही है। यदि समय रहते कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं की नराजगी दूर ना की तो कांग्रेस पार्टी को लोकभा चुनावों में बड़ा झटका लग सकता है। उधर विपक्षी पार्टियों के नेताओं का कहना है कि अन्दर खाते तो कांग्रेस पार्टी का सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी से गठबंधन हो रखा है।