कहा,नशों में लिप्त व्यक्तियों की सहायता करने वाले लोगों का किया जाएगा सामाजिक बहिष्कार
होशियारपुर,(तरसेम दीवाना): गांव कक्कों की पंचायत ने नशों के बढ़ते प्रभाव एवं इसके कारण गांव के युवाओं के भविष्य पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। पंचायत ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसके अनुसार नशे के मामलों में शामिल किसी भी व्यक्ति को पंचायत की तरफ से कोई भी जमानत नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही नशों में लिप्त व्यक्तियों की सहायता करने वाले लोगों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इस फैसले का उद्देश्य गांव को नशों से मुक्त करना व युवाओं को इस विनाशकारी दलदल से बचाना है। यह फैसला गांव की सरपंच अनीता रानी के नेतृत्व में लिया गया। जिसे गांव निवासियों एवं समाज के लिए एक प्रेरणादायक कदम माना जा रहा है। गांव कक्कों की पंचायत ने इस प्रस्ताव में स्पष्ट किया है कि नशों के खिलाफ लड़ाई में पुलिस और प्रशासन का पूरा सहयोग किया जाएगा। इस प्रस्ताव को पंचायत के सभी सदस्यों, जैसे रंजू कुमारी, कर्म सिंह, कुलविंदर कुमार, जीवन कौर तथा परमजीत कौर ने समर्थन दिया। इसके अलावा गांव के वकील शमशेर सिंह भारद्वाज व पंचायत सचिव जगमीत सिंह ने भी इस फैसले में पूरा सहयोग दिया। पंचायत ने यह भी घोषणा की है कि यदि गांव का कोई व्यक्ति नशे में शामिल होकर इस खतरनाक आदत को छोडऩे से इंकार करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नशे के सहयोगियों के सामाजिक बहिष्कार के जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि गांव में नशों के लिए कोई जगह नहीं है। इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद यह गांव में चर्चा का विषय बन गया है। गांव निवासियों ने इस कदम की खुलकर सराहना की है। उनका मानना है कि इस फैसले से नशों के खिलाफ लड़ाई को सफलता मिलेगी एवं गांव का माहौल बेहतर होगा। गांव कक्कों की पंचायत ने यह संदेश दिया है कि नशों के खिलाफ लड़ाई में केवल पंचायत ही नहीं, बल्कि सारे गांव निवासियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और इस लड़ाई में योगदान देना चाहिए। यह प्रस्ताव गांव को नशों से मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।