बोला, उन्हें किसानों के दु:ख दर्द, तकलीफों से कोई लेना देना नहीं
पंजाब की आप सरकार के कारण मंडियों में बर्बाद हो रहे धान पर चुप क्यूँ रहे केजरिवाल
होशियारपुर,(तरसेम दीवाना):
आम आदमी पार्टी के सूप्रीमो अरविन्द केजरिवाल किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति करते हैं। उन्हें किसानों के दु:ख दर्द, तकलीफों से कोई लेना देना नहीं, वे तो सिर्फ उनका उपयोग वोट बटोरने के लिए करते हैं। अगर केजरिवाल सच्ची में किसानों से हमदर्दी रखते हैं तो उन्हे भवानीगढ़ के पास गांव नदामपुर के उस किसान जसविंदर सिंह के घर जाना चाहिए था। जिसने अनाज मंडी में धान ना बिकने के कारण बीते 5 नवंबर को आत्महत्या की पर ऐसा ना हुआ। यह कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पंजाब के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय सांपला का। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी घटनाओं व बयानों पर प्रतिक्रम देने वाले केजरिवाल ने बीते कल लुधियाना में सरपंचों की शपथ कार्यक्रम में पंजाब की मंडियों में धान की हो रही बर्बादी के कारण खून के आसुँ पी रहे किसानों के दर्द पर चुप्पी धार ली और तो केजरिवाल इतने पत्थर दिल हो गए कि भगवंत मान सरकार की गलतियों के कारण मंडियों से धान की खरीद ना होने पर हताश हो आत्महत्या करने वाले किसान के लिए एक शब्द नहीं बोला। सांपला ने कहा कि किसान जसविंदर सिंह द्वारा की गई आत्महत्या के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दोषी हैं। इसलिए तुरंत मान पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का पर्चा दर्ज किया जाए। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा एम.एस.पी के 44 हजार करोड रुपए 39 दिन पहले भेजे जाने के बावजूद पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार मंडियों से धान खरीदने में विफल रही है। विफल इसलिए क्यूंकी हर साल 1 अक्टूबर को शुरू होने वाली धान की खरीद के लिए पंजाब सरकार को जून-जुलाई के महीने से तैयारी करनी होती है। जैसे की संभावित धान खरीद के लिए गोदामों की व्यवस्था करना, बारदाने व तरपाल की खरीद करनी, मज़दूरों व ट्रांसपोर्टरों के कान्ट्रैक्ट फाईनल करना और सबसे जरूरी राइस शेलेर मालिकों के साथ धान की छिलाई का अग्रीमेंट करना तांकी खरीद के तुरंत बाद धान राइस शेलरों में चला जाए पर यह सब पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने किया ही नहीं इसलिए विफल हुई। भाजपा नेता ने यहाँ स्पष्ट किया कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार का यह आरोप सरासर झुठा है कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पिछले वर्ष (2023) का चावल नहीं उठाए जाने के कारण पंजाब के राइस शेलरों के गोडाउन में जगह नहीं है। इसलिए मंडियों में आए धान की खरीद नहीं हो पा रही, सच तो यह है कि जहां पिछली बार खुले मेदान में धान रखा था। वहाँ से उसे उठा कर, छिलाई कर, उसका चावल बना, उसे बंद गोदाम में रख दिया गया था तो जहां पर पिछले बार धान रखा था वो जगह खाली है।