होशियारपुर,(तरसेम दीवाना): कनक मंडी स्थित अहमदिय्या मस्जिद में अहमदिय्या जमात के स्थापना दिवस के शुभ उपलक्ष्य में एक सम्मलेन का आयोजन किया गया। जिसमे प्रमुख व्यक्ता शेख मन्नान प्रचार प्रमुख ने अपने भाषण में बताया अहमदिया मुस्लिम जमात के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। इसी दिन, वर्ष 1889 में मिर्ज़ा ग़ुलाम अहमद साहब मसीह मौउद और इमाम महदी ने अल्लाह तआला के आदेश से अहमदिया मुस्लिम जमात की स्थापना की थी। उस दिन, 40 नेक लोग अहमदिया मुस्लिम समुदाय में शामिल हुए और आप के हाथों पर बैअत (दीक्षा प्राप्त) की और उन्होंने कसम खाई कि वे एक पवित्र जीवन व्यतीत करेंगे और हर प्रकार की बुराई से दूर रहेंगे। आज अहमदिया जमात की स्थापना को 135 साल हो गए हैं और इसकी शांतिपूर्ण शिक्षाओं के परिणामस्वरूप यह जमात दुनिया के 200 से अधिक देशों में फैल चुकी है और बड़ी संख्या में लोग इस जमात में शामिल हुए हैं।अहमदिया जमात के संस्थापक मिर्ज़ा ग़ुलाम अहमद ने धर्म, क़ौम, रंग और नस्ल के भेदभाव के बिना इंसानी हमदर्दी और भाईचारे का संदेश दिया है। एक अवसर पर, अपने अनुयायियों को सलाह देते हुए, आप फ़रमाते हैं। हमारा सिद्धांत है कि संपूर्ण मानव जाति के प्रति दयाभाव दिखाओ। यदि कोई व्यक्ति किसी पड़ोसी हिंदू को देखता है। जिसके घर में आग लगी है और वह उसे बुझाने में मदद करने के लिए नहीं उठता है, तो मैं सच कहता हूं कि उसका मुझ से कोई संबंध नहीं है। यदि हमारे अनुयायियों में से कोई व्यक्ति देखता है कि किसी ईसाई की कोई हत्या कर रहा है और वह उसे बचाने में मदद नहीं करता तो मैं आपको स्पष्ट रूप से बताता हूं कि वह हम में से नहीं है। वर्ष 1908 में, अहमदिया जमात के संस्थापक, हज़रत मिर्ज़ा ग़ुलाम अहमद के स्वर्गवास के पश्चात, अहमदिया जमात में “ख़िलाफ़त” के रूहानी निज़ाम की स्थापना हुई और आज मिर्ज़ा मसरूर अहमद साहब विश्वस्तरीय जमाते अहमदिया के पांचवें ख़लीफ़ा और प्रमुख हैं। जिनके नेतृत्व में अहमदिया जमात दुनिया भर में समाज सेवा और शांति के क्षेत्र में विशेष रूप से काम कर रही है और लोगों को ख़ास तौर पर अपने असल पैदा करने वाले खुदा की ओर बढ़ने की तरफ़ प्रेरित कर रही है। अहमदिया जमात एक पूरी तरह से रूहानी जमात है और इस जमात का कोई व्यक्तिगत हित या लाभ नहीं है, बल्कि यह जमात दुनिया की भलाई और मानवता की सेवा के लिए निस्वार्थ भाव से काम करती है। इस शुभ अवसर पर, दुनिया भर में जहां अहमदिया सम्प्रदाय द्वारा जलसे और विभिन्न कल्याणकारी और समाज सेवा के कार्य आयोजित किए जाते हैं। वहां जमात के सदस्य देश के विकास तथा पूरे विश्व में शांति की स्थापना के लिए ख़ुदा ताला से ख़ास दुआएं भी करते हैं। इस अवसर पर अन्य के व्यतीत मोहम्मद रुस्तम, वलीद अहमद, सद्दाम हुसैन, अफ़ज़ल, रब्बन, शमशेर खान आदि शामिल हुए थे।