गैर पंजाबी जिला अध्यक्ष बनाया तो होगा यह कांग्रेस के कफन में अंतिम कील साबित: हरीश चन्द्र आज़ादफरीदाबाद,(राजदार टाइम्स): पंजाबी नेता हरीश चन्द्र आज़ाद ने कहा कि कांग्रेस ने फरीदाबाद जिले में गैर पंजाबी जिला अध्यक्ष बनाने का अंतिम फैसला करीब-करीब ले लियो है और यह फैसला कांग्रेस के कफन में अंतिम कील साबित होगा। कांग्रेस हाई कमान ने एक बार फिर पंजाबी समाज को मूखर््ा बनाने का घातक निर्णय लेने की ठान चुका है और गैर पंजाबी जिला अध्यक्ष के साथ कार्यकारीणी अध्यक्ष पंजाबी समाज को देने का मन बना लिया है। पंजाबी सेवक हरीश आज़ाद ने कहा कि इस निर्णय की घोषणा करते ही कांग्रेस को पंजाबी समाज का अब तक का सबसे ज्यादा विरोध सहने के साथ-साथ कांग्रेस के पुराने व वफादार पंजाबी नेताओं का खुलकर विरोध देखना पड़ेगा और इस विरोध का सैलाब आने वाले विधानसभा चुनावों में पूरे हरियाणा में कांग्रेस को ले डूबेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुडा के दबाब में पंजाबी विरोधी कार्य करती आ रही है और इसका परिणाम कांग्रेस को पंजाबी वोटरों द्वारा भाजपा में खिसकने से भूगतना पड़ा लेकिन कांग्रेस को अकल नहीं आ रही।आज़ाद ने कहा कि कांग्रेस के पास इस समय बहुत अच्छा मौका है कि फरीदाबाद में पंजाबी समाज को इंसाफ देकर अपनी भूल का सुधार करें और फरीदाबाद में जिला अध्यक्ष व दो सीटें पंजाबी समाज को देकर उनकी की गई अन्देखी को सुधारे और अपने सबसे मजबूत पंजाबी वोट बैंक को वापिस कांग्रेस में लाने की ओर एक कदम बढ़ाये तथा हरियाणा में पंजाबी बहुल्य वाली कम से कम 25 सीटों पर पंजाबी नेताओं को टिकट देकर हरियाणा में फिर से अपनी खोई सत्ता को हासिल करें।हरीश आज़ाद ने कहा कि कांग्रेस ने लगातार अपना पंजाबी विरोधी रवैया दिखाया है खास तौर पर भूपेन्द्र सिंह हुडा ने लेकिन कांग्रेस के पुराने व वफादार पंजाबी नेता चुपचाप इस अन्देखी को सहन करते हुए कांग्रेस के वफादार बने रहे जिस वजह से पंजाबी समाज भी इन नेताओं से दूर होता गया।पंजाबी वोटर भाजपा की ओर खिसकता गया क्योंकि भापजा ने पंजाबी मुख्यमंत्री के साथ पंजाब ग्रहमंत्री भी दिया लेकिन अब कांग्रेस के पंजाबी नेताओं के पास मौका है कि कांग्रेस से पहले अपनी वह खोई प्रतिष्ठा वापिस पायें और इस बार कांग्रेस द्वारा अपने समाज की अन्देखी का विरोध करके पंजाबी समाज के अपनी फिर से पकड़ बनायें। अगर इस बार भी यह पंजाबी नेता कांग्रेस में पंजाबी समाज की अन्देखी पर चुप रहे तो वह कांग्रेस में तो गत में जा ही रहे हैं, पंजाबी समाज भी इनका पूरी तरह से बहिष्कार कर देगा जिससे वह न घर के रहेगें न घाट के। कांग्रेस के पंजाबी नेता पूर्व मंत्री ए सी चौधरी,पूर्व मेयर अशोक अरोड़ा, सबसे बरिष्ठ कांग्रेसी ज्ञानचन्द आहूजा, पूर्व ब्लाक अध्यक्ष वासदेव अरोड़ा, पूर्व जिला अध्यक्ष गुलशन बगा, उभरते युवा नेता राजेश आर्या, पूर्व पार्षद राजेश भाटिया, पूर्व पार्षद योगेश ढ़ीगड़ा, पूर्व उपमहापौर बसंत विरमानी, अनीशपाल, युवा नेता भरत अरोड़ा, गौरव ढ़ीगड़ा जैसे मजबूत पंजाबी नेताओं के पास समय है कि या तो वह कांग्रेस पार्टी से पंजाबी समाज को उनका हक दिलायें या सडक़ो पर उतरकर इसका खुलकर विरोध करें और साबित करें कि उनके लिये पार्टी से उपर अपने बुजुर्गों की विरासत पंजाबी समाज है।