सर्वहितकारी में प्रांतीय संस्कृति महोत्सव एवं कंप्यूटर मेले का हुआ आगाज
भारत एक अध्यात्मिक-सांस्कृतिक राष्ट्र : शर्मा
गुरु शिष्य मिलकर ही देश को ले जा सकते हैं उन्नति की तरफ : महंत राजगिरी
विविधताओं का देश जाना जाता है भारत, अपनी विभिन्न संस्कृतियों के लिए : महंत राजेंदर गिरि
तलवाड़ा,(एसपी शर्मा): केवल पैसा कमाने से जीवन सफल नहीं होता, जीवन सफल होता है, अच्छे संस्कारों से। उक्त विचार एस.डी सर्वहितकारी विद्या मंदिर तलवाड़ा में परम पूज्य मंहत राजेन्द्र गिरि 1008 बाबा बालक नाथ पीठ दियोटसिद्ध ने व्यक्त किए। स्कूल में प्रांत स्तरीय संस्कृति महोत्सव एवं कंप्यूटर मेले के उदघाटन सत्र पर पंजाब के विभिन्न विद्यालयों से आए 350 के लगभग विद्यार्थियों, सरंक्षक अध्यापकों तथा तलवाड़ा क्षेत्र से विभिन्न संस्थाओं से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्कृतियों से ही भारत की विश्व में एक पहचान है। इसकी संस्कृति का इतिहास कई सहस्राब्दियों पुराना है तथा इसे जीवित रखना हमारा प्रथम दाय्तिव है। महंत ने कहा कि मैं भी विद्या भारती विद्यालय का छात्र रहा हूँ और मुझे यह कहते हुए मुझे प्रसन्ता व गर्व हो रहा है कि इन विद्यालयों में अपनी संस्कृति को आधार बना कर शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे शिविरों से ही विद्यार्थी की प्रतिभाओं का विकास होता है, घर की चार दिवारी में रह कर बालक का सर्वागीण विकास संभव नहीं हो सकता। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूज्य महंत राजगिरी महाराज ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सनातन के बिना संसार अधूरा है। गुरु शिष्य मिलकर ही देश को उन्नति की तरफ ले जा सकते हैं।
विद्यार्थियों की कला को निखारने तथा छोटे कलाकारों को इस उम्र में ऐसे मंच मिलने से उनका जीवन बदलेगा तथा वह किसी न किसी कौशल में निपुण होकर जीवन आगे बढ़ेगें तथा देश आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें तलवाड़ा के स्कूल पर हमेशा गर्व रहा है जो समय के साथ विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति से जोड़ कर नई शिक्षा निति के अनुकूल शिक्षित कर रहा है। विद्या भारती पंजाब के संगठन मंत्री राजिंदर कुमार ने बताया कि विद्या भारती देश का सबसे बड़ा गैर सरकारी शैक्षिक संस्थान है जो विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास के लिए विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति के अनुकूल शिक्षा प्रदान कर रहा है। विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महा मंत्री देशराज शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत एक अध्यात्मिक-सांस्कृतिक राष्ट्र है तथा शिक्षा का स्वरूप आधुनिक तकनीक का समावेश करके ही देश को प्रगतिशील एवं विश्व कल्याण की भावना से विकसित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विद्या भारती विद्यार्थियों के चंहुमुखी विकास हेतु दृढ संकल्पित है। इसी उद्देश्य से ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। काय्र्रकम संयोजिका कंचन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मूर्तिकला, आशु भाषण, कथा-कथन, पत्र वाचन, लोक-नृत्य, प्रश्न मंच, कंप्यूटर मॉडल आदि अनेकों आकर्षण भरे कार्यक्रमों का प्रदर्शन पंजाब भर से आए विद्यार्थी करेंगें। प्रिंसिपल पवन गिल ने आए सभी मेहमानों का परिचय करवाया तथा संकुल प्रमुख अंजू शर्मा ने आए मेहमानों का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर एडवोकेट सतीश डडवाल, इंजी.एपीएस ऊभी, स्कूल प्रबंध समिति अध्यक्ष महेश चोपड़ा, इंजी.परमजीत कौशल, राजिंदर मेहता, समाज सेवी अश्वनी चड्डा, स्नेहलता तथा मातृ भारती सदस्य उपस्थित रहे।