जिले का एक और जांबाज हुआ वतन पर कुर्बान

सैंकड़ों लोगों ने नम आंखों से दी क्षेत्र के लाडले को अंतिम विदाई

पठानकोट/गुरदासपुर,(बिट्टा काटल): गत दिवस जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के वटाखुंड क्षेत्र में अपने साथियों सहित आतंकियों की टोह लेने हेतु सर्च अभियान पर निकले  सेना की 19 राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों का वाहन गहरी खाई में गिर गया जिससे सिर में गहरी चोट लगने से जिले के गांव सरावां के 29 वर्षीय लांसनायक गुरप्रीत सिंह शहादत का जाम पी गए, जिनका आज गांव सरावां में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। तिब्बड़ी कैंट से आई सेना की 4 सिख यूनिट के जवानों ने शस्त्र उल्टे कर तथा हवा में गोलियां दागते हुए बिगुल की गौरवशाली धुन के साथ शहीद को सलामी दी वहीं 4 सिख  सारागढ़ी बटालियन के लेफ्टिनेंट कर्नल निर्मलेंदु, लेफ्टिनेंट अजय कुमार झा, शहीद की यूनिट के नायब सूबेदार चमेल सिंह,  पंजाब हेल्थ सिस्टम कार्पोरेशन के चेयरमैन रमन बहल, हलका विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की, नगर कौंसल के प्रधान बलजीत सिंह पाहड़ा, भाजपा के जिला महासचिव बघेल सिंह वाहिया, डी.एस.पी मोहन सिंह, डी.एस.पी सुखराज ढिल्लों, शहीद के पिता लखबिंदर सिंह, मां लखबीर कौर, पत्नी गुरबिंदर कौर, भाई जगदीप सिंह, बेटे गुरबाज सिंह व गुरसेहब सिंह ने रीथ चढ़ा शहीद को सैल्यूट किया। लांसनायक गुरप्रीत सिंह के पिता लखबिंदर सिंह व चार वर्षीय बेटे गुरबाज सिंह ने जब शहीद पिता  की चिता को मुखाग्नि दी सारा शमशान घाट शहीद गुरप्रीत सिंह अमर रहे, भारत माता की जय, भारतीय सेना जिंदाबाद के जयघोष से गूंज उठा। इससे पहले लांसनायक गुरप्रीत सिंह की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह को श्रीनगर से एयरलिफ्ट कर हेलीकॉप्टर से पठानकोट लाया गया, जहां से आज सुबह  सैन्य वाहन द्वारा काफिले के रूप में तिरंगे में लिपटी गुरप्रीत की पार्थिव देह को जब उनके पैतृक गांव सरावां लाया गया तो रास्ते भर लोगों ने पुष्प वर्षा कर क्षेत्र के लाडले के बलिदान को नमन किया।

शहीद बेटे की अर्थी को कंधा देकर मां पत्नी ने दी अंतिम विदाई

माहौल उस समय अत्यंत गमगीन हो गया जब तिरंगे में लिपटी बलिदानी बेटे की पार्थिव देह को देखकर पत्थर की मूर्त बनी मां लखबीर कौर व पत्नी गुरबिंदर कौर ने करुणामई सिसकियों के साथ गुरप्रीत की अर्थी को कंधा देकर उसे अंतिम विदाई दी। मां व पत्नी ने नम आंखों से बताया कल दोपहर को गुरप्रीत ने वीडियो कॉल कर परिवार का हाल जाना था तथा दोनों बेटों को मेहनत से पढ़ाई करने को कहा फिर उन्होंने ऑपरेशन पर जाने की बात कहते हुए परिवार को अपनी गाड़ी व हथियार दिखाए। पत्नी गुरबिंदर ने कहा की  उन्हें क्या पता था कि उनके पति की यह आखिरी काल होगी, उनकी तो दुनिया ही उजड़ गई है अब मैं किसके सहारे जिंदगी काटूंगी। ज्ञात रहे गुरप्रीत मार्च में ही छुट्टी कटकर कर गए थे और उनका राष्ट्रीय राइफल्स का दो साल का कार्यकाल पूरा होने वाला था और वो अगस्त में अपनी पैतृक यूनिट 242 मीडियम रेजीमेंट में वापिस लौटने वाले थे मगर होनी ने कुछ और ही कहर बरपा दिया।

बेटा बोला: मैं भी बनूंगा फौजी

शहीद लांसनायक गुरप्रीत सिंह के चार वर्षीय बेटे गुरबाज सिंह ने शहीद पिता को सैल्यूट करते हुए कहा की वह भी अपने पिता की तरह बहादुर फौजी बनूंगा क्योंकि उनके पापा अक्सर उन्हें सेना में अफसर बनने के लिए प्रेरित करते थे। इसलिए वह अपने बलिदानी पिता का सपना जरूर साकार करेगा।

शहीद परिवार के साथ खड़ी है पंजाब सरकार: बहल

पंजाब हेल्थ सिस्टम कार्पोरेशन के चेयरमैन रमन बहल ने इस दुख की घड़ी में पंजाब सरकार शहीद परिवार के साथ खड़ी है और वो सरकार से मांग करते हैं इस वीर सैनिक की याद में गांव में कोई यादगार बनाई जाए।

राजनीति से ऊपर उठकर किया जाए शहीदों का सम्मान: पाहड़ा

विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा ने कहा शहीद देश व कौम का समाया होते हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां शहीद गुरप्रीत के पिता किसानी कर देशवासियों का पेट पाल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उनके बेटे ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपना बलिदान देकर उनका सिर गर्व से ऊंचा किया है। विधायक पाहड़ा ने कहा केंद्र व राज्य में कोई भी सरकार हो उन्हें राजनीति से ऊपर उठकर शहीदों का सम्मान करना चाहिए।

शहीद परिवार के हौंसले को परास्त नहीं होने देगी परिषद: कुंवर विक्की

परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र विक्की ने कहा कि देश का iजांबाज सीमा प्रहरी कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी निभाता है ताकि देशवासी अमन व चैन की नींद सो सकें क्योंकि जब भी किसी के घर का चिराग वतन पर कुर्बान होता है तो उसका परिवार एक जिंदा लाश बनकर रह जाता है। कुंवर विक्की ने कहा  उनकी परिषद चट्टान के तरह इस बलिदानी परिवार के साथ खड़ी है हम इनके हौंसले को कभी परास्त नहीं होने देंगे।

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