अंगूठे पर तलवार से चीरा लगाकर किया राजतिलक

चित्तौड़,(राकेश राणा): महाराणा मेवाड़ के रूप में विश्वराज सिंह (विधायक) का सोमवार को राजतिलक हुआ। चित्तौड़ दुर्ग स्थित फतह प्रकाश महल में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। राजपरिवार की परंपरा को निभाते हुए पूर्व सांसद महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके पुत्र का राजतिलक किया गया।परम्परा के अनुसार सलूम्बर के चूंडावत रावत देवव्रत सिंह सलूम्बर ने विश्वराज सिंह को गद्दी पर बिठाने के बाद तलवार से अंगूठे पर चीरा लगाकर विश्वराज सिंह का रक्ततिलक किया। राजतिलक से पहले विश्वराज सिंह ने सुबह से चल रहे हवन में आहुति दी।

बाद में कुम्भा महल में भगवान गणपति की पूजा की और यहां गद्दी पर बैठने के बाद उनका रक्त से तिलक किया गया। राजतिलक के साथ ही पूरा परिसर जयकारों से गूंज उठा और  21तोपों की सलामी दी गई।

जानकारी के अनुसार मेवाड़ के महाराणा महेंद्रसिंह मेवाड़ के निधन के बाद आज उनके पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ गद्दी पर बिराजित हुए।राज्याभिषेक कार्यक्रम चित्तौड़ दुर्ग के फतह प्रकाश महल में हुआ। इसमें देश भर के पूर्व राजघरानों के सदस्य, रिश्तेदार और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। राजगद्दी की पूजा के बाद सलूंबर रावत देवव्रत सिंह ने हाथ पकड़कर विश्वराज सिंह मेवाड़ को राजगद्दी पर बिठाया। साथ ही राजतिलक की परंपरा निभाई। 

यहां म्यान से तलवार निकाली और अंगूठे पर चीरा लगाकर रक्त से विश्वराज सिंह मेवाड़ के ललाट पर तिलक किया।

इस दौरान पंडितों की ओर से वैदिक मंत्रों का उच्चारण होता रहा।राजतिलक के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ ने सबसे अभिवादन किया।

प्रक्रिया पूरी होने के बाद महाराणा विश्वराज सिंह ने कुलदेवी बाण माता के दर्शन कर आशीर्वाद लिया और उसके बाद उदयपुर के लिए रवाना हो गए।

इस भव्य कार्यक्रम में स्थानीय सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, विभिन्न समाजों के सामाजिक नेता गण सम्मिलित हुए जिनमे सांसद सी पी जोशी चित्तौड़गढ़, विधायक दिलीप सिंह नीमच(म.प्र.), चंद्रभान सिंह आक्या विधायक चित्तौड़, राजर्षि कुँ. राजेन्द्र नरुका राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम राज्य मिशन, ठा. प्रताप कालवी करनी सेना सुप्रीमो, कैप्टन रनबीर सिंह पठानिया पूर्व चेयरमैन राजपूत कल्याण बोर्ड पंजाब, कुंवर संग्राम सिंह, राकेश राणा, कुंवर हेमेंद्र सिंह तंवर, अजमेर सिंह पठानिया, तरसेम सिंह राणा, बूटा सिंह राणा, सर्व समाज के संत शिरोमणि एवं धर्माचार्य के अलावा मेवाड़ के सभी 16 उमराव 32 राव एवं अन्य समस्त सामंत गण एवं ठिकानेदार आदि के साथ बड़ी संख्या मेवाड़ की आम जनता सम्मिलित हुई पूरे चित्तोड़ दुर्ग में बड़ी भीड़ थी एकदम ट्रैफिक जैम हो गया ।