अहिंसा के मार्ग से ही विश्व शांति व कल्याण संभव : प्रेम सिंह राणा
हाजीपुर,(राजदार टाइम्स): सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन सभ्याचारक रंग मंच द्वारा भारत सरकार की कला एवं संस्कृति प्रचार प्रसार योजना के अधीन जनसाधारण विशेषता युवाओं में संस्कार निर्माण हेतु परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम समन्वयक प्रेम सिंह राणा ने कहा कि महात्मा बुद्ध के अहिंसा, शांति और सद्भावना के दर्शन की तत्कालीन समय में जितनी आवश्यकता थी। उससे अधिक आवश्यकता व प्रासंगिकता मौजूदा समय में है। उनके बताये मार्ग पर चलने से स्वस्थ, समृद्ध एवं सुखी समाज का निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा कि कहा कि अहिंसा के मार्ग से ही विश्व शांति व विश्व का कल्याण संभव है। जब कभी भी ‘अहिंसा’ पर चर्चा होती है, भगवान महावीर, भगवान बुद्ध और महात्मा गाँधी को याद किया जाता है। इन तीनों युग पुरुषों ने अहिंसा के महत्व को समझा, उसकी राह पर चले और अपने अनुभवों के आधार पर दूसरों को भी इस राह पर चलने को कहा। अहिंसा का अर्थ किसी प्राणी को की मन, वचन और कर्म से हिंसा न करना होता है। अहिंसा विश्व शांति उत्पन्न करेगी। इस अवसर पर सरपंच राज कुमारी, गुरनाम सिंह, परमजीत कौर एवं देस राज ने भी सक्रिय भाग लिया।