होशियारपुर,(राजदार टाइम्स): विश्व उच्च रक्तचाप दिवस को समर्पित माह के दौरान, सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ.बलविंदर कुमार डमाणा के कुशल नेतृत्व में उच्च रक्तचाप के संबंध में जागरूकता सामग्री जारी की गई। इस अवसर पर जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ.अनिता कटारिया, सिविल अस्पताल इंचार्ज सीनियर मेडीकल अफसर डॉ.स्वाति शिमार, सीनियर मेडीकल अफसर डॉ.मनमोहन सिंह, मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ.नेहा पाल, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.मंजरी, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी रमनदीप कौर, बीसीसी कोऑर्डिनेटर अमनदीप सिंह और आम आदमी क्लिनिक के चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया। डॉ.डमाणा ने विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के आयोजन और पूरे महीने की जाने वाली गतिविधियों के बारे में बात करते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य उच्च रक्तचाप के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। इस साल की थीम भी ‘अपने रक्तचाप को सही ढंग से मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबे समय तक जीवित रहें’ है। जिसका उद्देश्य यह है कि लोग अपने रक्तचाप के सही माप के बारे में जागरूक हों। क्योंकि विश्व की 30 प्रतिशत से अधिक आबादी उच्च रक्तचाप से पीड़ित है, जिसके कारण हृदय रोग, किडनी फेल्योर आदि में लगातार वृद्धि हो रही है। बदलती जीवनशैली के कारण बच्चे भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। डॉ.अनिता कटारिया ने कहा कि सीने में दर्द, चक्कर आना, उल्टी, थकान, सिरदर्द या चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, धुंधली दृष्टि और पसीना आना उच्च रक्तचाप के लक्षण हैं। रक्तवाहिकाओं में वसा का जमा होना, गुर्दे के रोग, हृदय रोग, लकवा और नेत्र रोग आदि उच्च रक्तचाप के कारण होने वाले रोग हैं। इस बीमारी की शुरुआत और इसके लक्षणों का आसानी से पता नहीं चलता है लेकिन अगर समय पर पता चल जाए और इलाज किया जाए तो इसे रोकना संभव है। डॉ.नेहा पाल ने कहा कि तला हुआ या अधिक नमक वाला भोजन, बुढ़ापा, मधुमेह, नशीली दवाएं, मोटापा, व्यायाम की कमी और मानसिक तनाव उच्च रक्तचाप के मुख्य कारण हैं। अपनी जीवनशैली में बदलाव करके हम रक्तचाप और अन्य गैर-संचारी रोगों जैसे मधुमेह, दिल का दौरा आदि से बचाव कर सकते हैं। नमक और तली हुई चीजें कम कर देनी चाहिए तथा तम्बाकू और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। वजन न बढ़ने दें, भोजन में वसा की मात्रा कम करें, सब्जियां और फल अधिक खाएं और तनाव कम करें। डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर रमनदीप कौर ने बताया कि इलाज और नियंत्रण के लिए रोजाना या सप्ताह में कम से कम 5 बार व्यायाम करना जरूरी है। शुरुआत में थोड़ी मात्रा में व्यायाम से शुरुआत करें और हर हफ्ते इसे बढ़ाएं। दिन में कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें और व्यायाम के बाद आराम करके खूब सारे तरल पदार्थ पियें। इसके साथ ही नियमित चिकित्सीय जांच और दवा लेनी चाहिए।

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