मृतक बच्ची दिलरोज को मिला इंसाफ, अदालत ने सुनाई महिला को मृत्यु दंड की सजा 

अदालत ने शुक्रवार 12 अप्रैल को आरोपी महिला को दिया था दोषी करार 

मृत्यु दंड मिलते ही रोने लगी थी दोषी महिला

लुधियाना डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पहली बार किसी महिला को दिया गया मृत्यु दंड

लुधियाना,(केजी शर्मा): सत्र न्यायाधीश मुनीश सिंघल की अदालत ने ढाई साल की बच्ची को जिंदा दफनाकर हत्या करने वाली दोषी महिला  नीलम को मृत्यु दंड की सजा सुनाई और सजा सुनाने के बाद पेन की निब तोड़ दी। अदालत ने शुक्रवार 12 अप्रैल को आरोपी महिला को दोषी करार दे दिया था। जिसके बाद दोषी को क्वांटम आफ क्नवीकशन के लिए रख दिया गया था।  शिकायतकर्ता पक्ष के वकील एवं जिला बार एसोसिएशन लुधियाना के पूर्व अध्यक्ष तथा बार काउंसिल के पूर्व वाइस चैयरमेन परुपकर सिंह घुम्मन माननीय न्यायालय से दोषी महिला को सख्त से सख्त सजा दिए जाने गुहार लगा चुके थे।

अदालत ने वीरवार दोपहर 12.15 मिनट पर सुनाया फैसला

वीरवार को सेशन्स जज मुनीश सिंघल की अदालत के बाहर पहले से वकीलों और मामले से जुड़े लोगों की भीड़ थी। करीबन दोपहर 12.15 मिनट पर अदालत में दोषी महिला को पुलिस कस्टडी में सेशन्स जज की अदालत में लाया गया। उस समय अदालत में काफी संख्या में वकील व अन्य लोगों के बावजूद सन्नाटा छाया हुआ था। जिसके बाद सेशन्स जज सिंघल ने मामले में क्वांटम आफ कनवीक्शन पर अंतिम फैसला सुनाते हुए आईपीसी दो अन्य धाराओं 364 में आजीवन कारावास और धारा 201 में सात साल की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी महिला पर इन उक्त धाराओं के तहत जुर्माना भी लगाया गया। जिसके बाद से सेशन्स जज ने दोषी महिला को मृत्यु दंड की सजा सुनाई। सजा सुनाने के बाद सेशन्स जज मुनीश सिंघल ने पेन की निब तोड़ दी और रिटायरिंग रूम में चले गए।

मृतक बच्ची दिलरोज कौर को मिला इंसाफ 

अदालत की ओर से फैसले सुनाये जाने के समय मृतक बच्ची दिलरोज कौर के दादा शमिंदर सिंह, माता किरण कौर और पिता हरप्रीत सिंह सहित अन्य कई रिश्तेदार भी अदालत में मौजूद थे। दोषी महिला को मृत्यु दंड की कठोर सजा मिलने पर सभी की चेहरे पर सकून था । उनके मुताबिक अदालत की ओर से मृतक बच्ची दिलरोज कौर को मिला इंसाफ मिला है और दोषी महिला को कठोर सजा सुनाई गई है।

आजीवन कारावास और सात साल की सजा भी 

सेशन्स जज मुनीश सिंगल की अदालत ने क्वांटम आफ कनवीक्शन पर अंतिम फैसला देते हुए आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी महिला को मृत्यु दंड की सजा दी । अदालत ने उक्त धारा के तहत 50 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने दोषी महिला को आईपीसी की धारा 364 के तहत आजीवन कारावास की कठोर सजा दी और धारा के 201 के तहत सात साल की कठोर सजा दी। अदालत ने दोषी महिला को उक्त धाराओं के तहत दस हजार रुपये और दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

सजा सुनते ही रोने लगी दोषी महिला

अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद दोषी महिला जोर जोर से रोने लगी और रहम की गुहार लगाने लगी। जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया के पूरी करने के तहत दोषी महिला के हाथों और अंगुलियों के निशान लिए गए। प्रक्रिया पूरी करने के बाद विशेष पुलिस सुरक्षा में दोषी महिला को जेल भेज दिया गया।

लुधियाना कोर्ट में पहली बार मिली किसी महिला को मृत्यु दंड की सजा

पूर्व डीबीए अध्यक्ष परोपकार सिंह घुम्मन के मुताबिक लुधियाना कोर्ट में पहली बार किसी महिला दोषी को मृत्यु दंड की सजा दी गई है। इस मामले में दोषी महिला शिमलापुरी निवासी नीलम ने पड़ोस में रहने वाली अढा़ई साल की बच्ची को जिंदा दफनाकर बेहद क्रूर और बर्बर तरीके से हत्या कर दी थी । जो कि रेरेस्ट से रेरेस्ट अपराधों की श्रेणी में आती है। अदालत की ओर से मृतक बच्ची को इंसाफ मिला दिया गया है।

शिमलापुरी पुलिस ने 28 नवंबर 2021 को किया था मामला दर्ज

शिमलापुरी पुलिस ने 28 नवंबर 2021 को  उपरोक्त आरोपी नीलम के खिलाफ आईपीसी की धारा 364, 302 और 201 के तहत मामला दर्ज किया है। मृतक अढा़ई साल की लड़की के दादा शिकायतकर्ता शमिंदर सिंह के मुताबिक घटना वाले दिन दोपहर करीब 2:15 बजे उसकी पत्नी हरविंदर कौर अपनी मृतक पोती के साथ घर के बाहर गली में खेल रही थी। उसके साथ खेलते समय मृतक नाबालिग लड़की की दादी उसे घर के बाहर खेलता हुआ छोड़कर पानी पीने के लिए घर के अंदर आ गई। करीब 05 मिनट बाद जब वह वापस घर के बाहर गली में गई तो उसे अपनी मृतक पोती दिलराज कौर वहां नहीं मिली। मिली जानकारी के अनुसार उन्हें शक था कि आरोपी नीलम निवासी क्वालिटी रोड शिमलापुरी ने उसकी पोती को जान से मारने की नीयत से उसका अपहरण किया था।

गिरफ्तार होने के बाद आरोपी महिला ने खुद कबूल किया बच्ची को कत्ल करना

गिरफ्तार होने के बाद पूछताछ के दौरान आरोपी ने कबूल किया कि उसने नाबालिग लड़की को उसके घर के बाहर से उस समय अगवा करके जालंधर बाईपास क्षेत्र में स्थित एल्डिको सिटी कॉलोनी के पास एक खाली प्लॉट में पहले से खोदे गए गड्ढे में जिंदा दफना कर मर्डर कर दिया था

बचाव पक्ष ने अदालत में आरोपी को बेगुनाह कहा

अदालत में सुनवाई के दौरान बचाव के वकील ने आरोपी को बेगुनाह फंसाए जाने की बात की। उसके मुताबिक उक्त महिला को किसी ने उक्त नाबालिग बच्ची का कत्ल करते किसी नहीं देखा। पुलिस के दबाव में आरोपी महिला ने जुर्म कबूल किया था। जबकि उसका इस मामले में कोई लेना देना नहीं

जघन्य अपराधों में दी जाती है मृत्यु दंड जैसी कठोर सजा 

क्रिमिनल मामलों के विधि विशेषज्ञ एडवोकेट अमरदीप भाटिया के मुताबिक दोषी महिला ने बर्बरतापूर्ण  तरीके से अढा़ई साल की बच्ची को जिंदा जमीन में दफना कर मार दिया था। ऐसे जघन्य अपराधों में जो रेरेस्ट से रेरेस्ट अपराधों की श्रेणी में आते है ऐसे अपराधों में मृत्यु दंड जैसी कठोर सजा दी जाती है।

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