बोले, वादियों के अनुसार भौतिक पदार्थों का संग्रह करना ही है जीवन
होशियारपुर,(राजदार टाइम्स): दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से स्थानीय आश्रम गौतम नगर में सप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम रखा गया। जिसमें आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी अंजली भारती ने प्रवचन के माध्यम से सैकड़ों भक्तों ने प्रवचनों को श्रवन किया। साध्वी ने बताया कि आदि शंकराचार्य जी कह्ते हैं कि भगवान, इंसान पर सबसे पहली कृपा करता है कि उसे मनुष्य तन की प्राप्ति हो जाती है। दूसरी कृपा यह है कि वह ज्ञान लाभ के लिए प्रयास करने लगे, अर्थात उसके मन में ये प्रश्न पैदा हो जाए कि वह इस संसार में क्या करने के लिए आया है। एक कृपा और होती है कि किसी ऐसे संत महापुरूष का संग मिल जाना जो आप को आत्म दर्शन करवा दे। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता वादियों के अनुसार भौतिक पदार्थों का संग्रह करना ही जीवन है।

इसके लिए वह कितने लंबे भाषण देते हैं और इस पर कितना कुछ लिखा जा चुका है पर इनके उपभोग की वस्तुओं की संख्या लगातार बढ़ती गयी। अंतिम क्षण तक यह बढ़ती ही जाएगी। अंत में उन्होंने कहा कि संसार में ब्रह्म ही सत्य है, जगत् मिथ्या है, जीव और ब्रह्म अलग नहीं हैं। जीव केवल अज्ञान के कारण ही ब्रह्म को नहीं जान पाता, जबकि ब्रह्म तो उसके ही अंदर विराजमान है। इसलिए हमे भी ऐसे महापुरूष की खोज में लग जाना चाहिए जो हमे ब्रह्मज्ञान दे ईश्वर की अनुभूति करवा दे।