70 सिखों और हिंदुओं को एयरपोर्ट से लौटाया
तालिबान बोले, आप अफगानी हैं, देश नहीं छोड़ सकते
दिल्ली,(राजदार टाइम्स):
अफगानिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल के कारण दुनियाभर के देश अपने नागरिकों को यहां से जल्द निकालने में जुटे हुए हैं। तालिबानी हुकूमत के चलते भारत ने भी काबुल से अपने नागरिकों को निकालने में लगा हुआ है। तालिबान ने शनिवार को भारतीय वायु सेना के विमान में सवार होने से 70 अफगान सिखों और हिंदुओं के एक जत्थे को रोक दिया है। उन्हें काबुल एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया। इसमें अफगानिस्तान संसद के दो अल्पसंख्यक सदस्य भी शामिल हैं। लड़ाकों ने उन्हें साफ शब्दों में कहा कि वे अफगानी हैं और देश नहीं छोड़ सकते।

विश्व पंजाबी संगठन के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी ने बताया कि भारत लौटने के लिए अफगान सिखों और हिंदुओं का यह पहला जत्था शुक्रवार से 12 घंटे से अधिक समय से हवाई अड्डे के बाहर इंतजार कर रहा था। तालिबान लड़ाकों ने उन्हें आईएएफ के विमान में चढऩे से रोक दिया और कहा कि चूंकि वे अफगानी हैं, इसलिए वे देश नहीं छोड़ सकते। समूह काबुल स्थित गुरुद्वारे में लौट आया है। साहनी ने कहा अल्पसंख्यक सांसद नरिंदर सिंह खालसा व अनारकली कौर मानोयार भी इस समूह का हिस्सा थे। तालिबानी हुकूमत के बीच राजधानी काबुल के एयरपोर्ट पर अफरातफरी मची है। अमेरिका और भारत समेत सभी देश अपने-अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट करने में जुटे हैं। इस बीच मीडिया रिपोट्र्स में दावा किया जा रहा है कि काबुल से 85 भारतीयों को लेकर एयरफोर्स के एयरफोर्स के सी-130जे एयरक्राफ्ट ने आज उड़ान भरी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक आज किसी भी भारतीय विमान ने काबुल से उड़ान नहीं भरी है। हालांकि, बीती रात जरूर कुछ लोगों को तजाकिस्तान की राजधानी दुशान्बे पहुंचाया गया था। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत लगातार अपने नागरिकों को निकालने के लिए सैन्य विमान भेज रहा है। रिपोट्र्स के मुताबिक, इंडियन एयरफोर्स का सी-130जे सुपर हरक्यूलस विमान शनिवार को काबुल पहुंचा। इससे 85 भारतीयों को वापस लाया गया। मीडिया रिपोट्र्स में कहा गया है कि इंडियन एयरफोर्स के विमान ने शनिवार को सुबह काबुल से उड़ान भरी। इसके बाद वह ताजिकिस्तान में ईंधन भरवाने के लिए रुका। भारत ने इससे पहले कंधार में अपने दूतावास के स्टाफ को निकाला था, जब तालिबान शहर पर कब्जा करने ही वाला था। इसके पहले एयर इंडिया का एक प्लेन भी काबुल से लोगों को भारत लेकर आया था।