ईसीएचएस कार्ड की कीमत चुकानेे को लेकर पूर्व सैनिकों में विरोधाभास
ग्रेटर नोएडा,4 दिसंबर(राजदार टाइम्स): पूर्व सैनिकों के लिए सेना नए ईसीएचएस स्मार्ट कार्ड बना रही है। 32 केबी के कार्डों की वैधता समाप्त करने का निर्णय के साथ 64 केबी के स्मार्ट कार्ड ही वैध होंगे। प्रदेश में करीब 35 लाख पूर्व सैनिक व उनके निराश्रित परिवार पंजीकृत है। जिन पर यह नया नियम सीधे लागू होगा। नए कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन नए कार्ड की कीमत को लेकर पूर्व सैनिकों में विरोधाभास उत्पन्न हो गया है।
वेटरन फोरम फॉर ट्रांसपेरेंनसी इन पब्लिक लाइफ के ऑर्गनाइजिंग सचिव मेजर कुवर सुरेश राणा (पूर्व सैनिक) का दावा है कि पूर्व सैनिकों से कार्ड के एवज में वसूली जा रही कीमत के विरोध में पूर्व सैनिकों ने आरके पुरम दिल्ली स्थित आम्र्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल (एएफटी) में वाद दायर किया है। पूर्व सैनिकों की मांग है कि ईसीएचएस के कार्ड की कीमत सरकार को चुकानी चाहिए जैसा कि सीजीएचएस में होता है। पूर्व सैनिकों ने इसे सिद्धांत की लड़ाई बताते हुए तर्क दिया कि एक ही थाली में परोसे गए व्यंजन का स्वाद जब अलग-अलग नहीं हो सकता। जब सीजीएचएस में कार्ड की कीमत सरकार देती है तो फिर ईसीएचएस में सैनिक कार्ड की कीमत अपनी जेब से क्यों भुगतान करे? जबकि इसीएचएस पूरी तरह से सीजीएचएस की गाइडलाइन पर आधारित है। पूर्व सैनिकों ने दावा किया कि शुरुआत में ही इस योजना के तहत पूर्व सैनिकों से शुल्क वसूला जा चुका है। पूर्व सैनिकों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि दोनों योजनाएं एक ही सरकार के अधीन है फिर नियम अलग-अलग कैसे हो सकते हैं। सुरेश राणा ने बताया कि एएफटी कोर्ट में 35 लाख पुराने व निराश्रित पूर्व सैनिकों के परिवारों को राहत दिलाने के लिए यह लड़ाई पूरी मजबूती के साथ लड़ी जाएगी। उन्होंने इसे पूर्व सैनिकों की प्रतिष्ठा की लड़ाई बताते हुए कहा कि कार्ड बनने की कीमत अल्प हो सकती है, लेकिन हमने भी पूरा जीवन देश की सेवा में नौछावर किया है। फिर हमसे सौतेला व्यवहार क्यों? बता दें कि पूर्व सैनिकों के अब अधिक मेमोरी वाले कार्ड बनाए जा रहे हैं। कार्ड पर लगी चिप के सहयोग से लाभार्थी पूर्व में करवाए गए इलाज की जानकारी भी ले सकेंगे। एक जगह से दूसरी जगह इलाज करवाने जाते हैं तो चिकित्सक पूर्व में लाभार्थी की ओर से किए गए दवाओं के कोर्स को देखकर उसका उपचार शुरू कर सकते हैं। पूर्व सैनिकों की बढ़ रही आबादी को देखते हुए ईसीएचएस ने नया स्मार्ट कार्ड बनाने का फैसला लिया है।