सत्य की आवाज उठाने में करें मदद
हाजीपुर,28 नवंबर(करण मिन्हास): गरीबी व लाचारी का संबंध किसी जाति से नहीं होता, बल्कि हर जाति में गरीब और लाचार लोग होते हैं। चुनाव के दौरान हर जाति, वर्ग और मजहब के लोग वोट डालते हैं, तब जाकर सरकारें बनती है। ऐसे में यह सरकारों की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह सरकारी सुविधाएं भी बिना जातीय भेदभाव के वितरित करें। यह विचार समाज सेवी संस्था आरईआरसी संघ के अध्यक्ष विजय राणा घग्वाल ने उस वक्त किए। वह अपने साथियों सहित एक मजबूर परिवार की बेटी के विवाह में साथी हाथ बढ़ाना योजना के तहत सहयोग करने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि जिस बेटी के विवाह में उनकी टीम मदद करने पहुंची है, यह एक स्वर्ण परिवार से संबंध रखती है। जिसकी आर्थिक हालत बहुत ही खराब है। 6 बेटियों का बाप मेहनत मजदूरी करके गुजर बसर करता था। चार विवाहित बेटियों में से एक बेटी विधवा हो चुकी है तथा अपने बच्चे सहित अपने मायके घर ही रहती है। पिता इस समय बीमारी की वजह से बिस्तर पर है। कोई अन्य रोजगार या जमीन जायदाद का सहारा ना होने की वजह से परिवार इस समय आर्थिक तौर पर बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है। बीमार पिता ने बताया कि इलाज के दौरान आयुष्मान कार्ड से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई। प्रशासन से अपील करते हुए घग्वाल ने कहा कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे सभी परिवारों तक सरकारी सुविधाएं बिना किसी भेदभाव के पहुंचनी चाहिए। स्वर्ण जाति से संबंध रखने वाले अति गरीब परिवारों का बिजली का बिल माफ होना चाहिए तथा साथ ही उन्हें अन्य सरकारी सुविधाएं भी बिना किसी जाति भेदभाव के प्राप्त होनी चाहिए। समाज में यदि समानता के अधिकार को सही तरीके से लागू करना है तो सरकारों को भी भेदभाव बंद करना होगा।