पंजाब में किसानों के आंदोलन के कारण रेलवे को लगभग 22 सौ करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ 
चंडीगढ़,21 नवंबर(राजदार टाइम्स): किसानों का कहना है कि 15 दिनों तक रेल यातायात में कोई रुकावट नहीं आने दी जाएगी और इस दौरान केंद्र को भी बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। यह बात आज किसान संगठनों ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ हुई एक महत्वपूर्ण बैठक कही। बैठक में कैप्टन की अपील को मानते हुए किसान यूनियनों ने 23 नवंबर दिन सोमवार से राज्य में सभी यात्री व मालगाडिय़ों की बहाली को मंजूरी दे दी गई है। किसान सभी धरने हटाने को राजी हो गए हैंं। किसानों का कहना है कि यदि 15 दिनों के अंदर कोई बातचीत नहीं हुई तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी किसान संगठनों से बात की और उन्हें पंजाब के हो रहे नुकसान का हवाला दिया और अपनी जिद्द छोडऩे को कहा। गौर हो कि अभी तक किसानों के रूख के कारण राज्य में रेल सेवा शुरू नहीं हो पा रही थी। ऐसे में मुख्यमंत्री ने किसानों से वार्ता का मोर्चा खुद संभाला। बैठक से पहले किसान भवन में 11 बजे किसान संगठनों के नेताओं ने बैठक की। इसमें तय किया गया था कि उनके सामने कौन-कौन सी बात रखनी है। पंजाब में किसानों के आंदोलन के कारण रेलवे को लगभग 22 सौ करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। जिसमें रेलवे संपत्ति को हुई क्षति शामिल नहीं है। रेल मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि पंजाब के आंदोलन के कारण रेलवे को लगभग 2220 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है।