होशियारपुर,17 नवंबर(राजदार टाइम्स): जल सप्लाई व सैनीटेशन विभाग व ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग का सांझा ट्रेनिंग प्रोग्राम स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज एक व दो के अंतर्गत करवाया गया। अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) हरबीर सिंह की अध्यक्षता में करवाए गए इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में गांवों का रुतबा ऊंचा उठाने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही अलग-अलग स्कीमों के बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया करवाई गई। इस प्रोग्राम में जिले के सभी ब्लाकों के बी.डी.पी.ओज, जिला सैनीटेशन अधिकारी अश्वनी कुमार मट्टू, अलग-अलग मंडलों के कार्यकारी इंजीनियरों, सी.डी.एस व डिविजन लैवल कोआर्डिनेटरों ने भाग लिया। अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर(विकास) हरबीर सिंह ने सभी बी.डी.पी.ओज को फेज दो के कार्य समय पर व नियमानुसार करवाने के आदेश जारी किए व गांवों में प्रोग्राम करते समय कोविड-19 की हिदायतों का पालन करने के लिए कहा। उन्होंने सामुदायिक शौचालय बनाने का कार्य 31 जनवरी 2021 से पहले करने के लिए कहा। गांवों में 15 वें वित्तिय कमिशन के अंतर्गत जो ग्रांट जारी की गई है, उसका 50 प्रतिशत गांव के मुख्य कार्यों के लिए गांवों में खर्च किया जाएगा, 25 प्रतिशत जल जीवन मिशन के लिए व 25 प्रतिशत स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) फेज-दो के लिए खर्च किया जाएगा। कार्यकारी इंजीनियर सिमरनजीत सिंह ने फेज एक व फेज दो के बारे में जानकारी दी। फेज एक में घर-घर शौचालय बनाने का कार्य 93 प्रतिशत मुकम्मल हो गया है, जिसके अंतर्गत लाभार्थियों को उनके खाते में 66.27 करोड़ रुपए डाल दिए गए हैं। जिला होशियारपुर को शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह फेज दो का मुख्य उद्देश्य खुले में शौच मुक्त स्थिति को बनाए रखना, सामुदायिक शौचालयों का निर्माण व रख-रखाव, गीले व सूखे कूड़े का प्रबंधन करना, छप्पड़ों का नवीनीकरण करना आदि है। जिला सैनीटेशन अधिकारी अश्वनी कुमार मट्टू ने बताया ठोस कूड़े संबंधी जानकारी सांझी करते हुए बताया कि ठोस कूड़े के दो प्रकार होते हैं। घरेलू स्तर पर गीले व सूखे कुड़े को अलग-अलग करने के लिए हरे व नीले रंग के दो कूड़ेदान रखे जाएं। इसके अलावा गीले कूड़े को जैविक विधि द्वारा खाद में तब्दील करें जबकि सूखे कूड़े को दोबारा प्रयोग में लाने के लिए प्रबंध किया जाए। उप मंडल इंजीनियर कम ए.डी.एस.ओ नवनीत कुमार जिंदल ने गांवों में सामुदायिक शौचालय बनाने संबंधी विस्तार से जानकारी मुहैया करवाई। सामुदायिक शौचालय के निर्माण के लिए 3 लाख रुपए स्वच्छ ग्राम मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत खर्च किए जा सकते हैं, जिसमें 2,10,000 का राशी सरकारी की ओर से दी जाएगी व 90, 000 की राशी पंचायत की ओर से 15वें वित्तिय कमिशन के अंतर्गत मिली ग्रांट में से डाली जाएगी। जिन घरों में शौचालय बनाने के लिए स्थान नहीं है वे गांव में सामुदायिक शौचालय बनने से खुले में शौच नहीं जाएंगे। इसके साथ ही रबी व खरीफ की फसल के दौरान बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों को भी सामुदायिक शौचालय का फायदा होगा, जिससे गांव का रुतबा ऊंचा उठेगा व साफ सुथरा वातावरण बनेगा। नवनीत कुमार जिंदल ने गंदे पानी को साफ करने के बाद किसी तरह प्रयोग में लाया जा सकता है, इस बारे में भी जानकारी दी। ट्रेनिंग के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए गए।