हजारों लोगों ने नम आंखों से दी देश के वीर सपूत को अंतिम विदाई
पठानकोट,(राजदार टाइम्स ब्यूरो/बिटाटा काटल):
सेना की 14 सिंध हॉर्स यूनिट के लेफ्टिनेंट कर्नल भानू प्रताप सिंह मनकोटिया जो जम्मू-कश्मीर के चाइना बॉर्डर लद्दाख में तैनात थे गत दिवस दुर्बुक क्षेत्र की फायरिंग रेंज पर वो अपने साथियों सहित जा रहे थे कि अचानक हुई लैंड स्लाईडिंग से उनका वाहन उसकी चपेट में आ गया। जिससे वह खुद एवं जिला गुरदासपुर के गांव शमशेरपुर से उनका ड्राईवर लांस दफादार दलजीत सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए व तीन अन्य अफसर घायल हो गए। आज वीरवार को तिरंगे में लौटे लेफ्टिनेंट कर्नल भानू प्रताप सिंह मनकोटिया का चक्की पुल के नजदीक बने श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। मामून कैंट से आई सेना की 23 पंजाब यूनिट के कमांडिंग अफसर कर्नल पंकज राठी तथा टू.आई.सी गौरव शेट्टी के नेतृत्व में पहुंची सैन्य टुकड़ी ने शस्त्र उल्टे कर हवा में गोलियां दागते हुए बिगुल की गौरवशाली धुन के साथ बलिदानी लेफ्टीनेंट कर्नल भानू प्रताप सिंह मनकोटिया को सलामी दी।

इस अवसर पर आर्मी कमांडर वेस्टर्न कमांड लेफ्टिनेंट जनरल एम.के कटियार, शिमला से आए जी.ओ.सी इन चीफ अरट्रैक लेफ्टीनेंट जनरल दविंदर शर्मा, लेफ्टीनेंट जनरल आर पुष्कर, शहीद के ससुर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी, लेफ्टिनेंट जनरल राहुल ओहरी, मेजर जनरल संजीव सलारिया, 21 सब एरिया कमांडर ब्रिगेडियर संजीव सहारन, ब्रिगेडियर अनिमेष जातरन, शहीद के पिता रिटायर्ड कर्नल आर.पी.एस मनकोटिया, माता सुनीता मनकोटिया, पत्नी तारिणी मनकोटिया, भाई मेजर शौर्य प्रताप सिंह मनकोटिया, नाना रिटायर्ड कर्नल स्वर्ण सिंह सलारिया, रिटायर्ड एयर वाईस मार्शल पी.एस मल्ही, कर्नल हमिंदर सिंह, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की तरफ से पंजाब के खाद्य आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारुचक्क, ए.डी.सी हरदीप सिंह, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष व शहीद लेफ्टीनेंट गुरदीप सलारिया शौर्यचक्र के पिता कर्नल सागर सिंह सलारिया, महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की ने शहीद की पार्थिव देह पर रीथ चढ़ा सैल्यूट करते हुए अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

इससे पहले तिरंगे में लिपटी हुई लेफ्टिनेंट कर्नल भानू प्रताप सिंह मनकोटिया की पार्थिव देह को लेह से एयरलिफ्ट कर पठानकोट एयरबेस लाया गया। जहां से फूलों से सुसज्जित सैन्य वाहन से उन्हें जब अबरोल नगर स्थित उनके निवास स्थान लाया गया तो माहौल अत्यंत मार्मिक व गमगीन हो गया। तिरंगे में लिपटी बेटे की पार्थिव देह को देख मां सुनीता मनकोटिया, पिता रिटायर्ड कर्नल आरपीएस मनकोटिया की करुणामई सिसकियां पत्थरों का कलेजा छलनी कर रहीं थी। इस समय पर रिटायर्ड कर्नल तीर्थ सिंह वीरचक्र, बलिदानी लेफ्टीनेंट त्रिवेणी सिंह अशोकचक्र के पिता कैप्टन जनमेज सिंह, कर्नल सर्वजीत सलारिया, बलिदानी मेजर विवेक भंदराल सेना मेडल के पिता कर्नल पीएस भंदराल, बलिदानी सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, पूर्व मेयर अनिल वासुदेव, रिटायर्ड कर्नल आरएस सिंह, कर्नल सुभाष डढवाल, इंडियन एक्स सर्विसमैन लीग पंजाब व चंडीगढ़ के उपाध्यक्ष कैटन फकीर सिंह, समाज सेवक डॉ.राजिंदर शर्मा, सूबेदार मेजर अवतार सैनी के अलावा सैकड़ों की संख्या में सैन्य अधिकारी विभिन्न यूनिटों के कमांडिंग अफसर व जवान उपस्थित थे।

डेढ़ साल के बेटे के सिर से उठा पिता का साया…
शहीद का डेढ़ साल का बेटा व्योम कभी तिरंगे में लिपटी अपने शहीद पिता की देह को निहार रहा था। कभी आए हुए लोगों व सैन्याधिकारियों की तरफ एक टक देख रहा था, शायद वह इस बात से अंजान था कि उसके सिर से पिता का साया उठ चुका है। शहीद पिता के ताबूत पर चढ़ाए गए फूलों से वो एक एक फूल उठा कर ताबूत के साथ रखी बलिदानी पिता की तस्वीर पर फेंक रहा था तो यह दृश्य देख हर आंख नम हो उठी। शहीद के भाई मेजर शौर्य प्रताप सिंह ने जब अपने शहीद भाई की चिता को मुखाग्नि भेंट की तो सारा श्मशान घाट भारत माता की जय, शहीद लेफ्टीनेंट भानू प्रताप सिंह अमर रहे के जयघोष से गूंज उठा।

पिता बोले, बेटा खोने का दु:ख मगर गर्व है शहादत पर…
शहीद लेफ्टीनेंट कर्नल भानू प्रताप सिंह के पिता कर्नल आर.पी.एस मनकोटिया ने नम आंखों से कहा कि उनकी कल सुबह ही सात बजे बेटे से खुशनुमा माहौल में बात हुई थी, वो कह रहा था पापा फायरिंग रेंज पर फायरिंग के लिए जा रहा हूँ, शाम को लौट कर फिर फोन करूंगा, लेकिन फोन काल के साढ़े चार घंटे बाद ही उनके बेटे के साथ यह हादसा हो गया। उन्हें क्या पता था कि यह उनकी अपने बेटे के साथ आखिरी फोन काल होगी। उन्होंने कहा उन्हें बेटा खोने का दु:ख तो बहुत है मगर उसके बलिदान पर गर्व भी है कि जिस काम के लिए उसने यह वर्दी पहनी थी, अपना बलिदान देकर वो इस वर्दी का ऋण उतारते हुए अपना सैन्य धर्म निभा गया।

देश को नाज है भानू प्रताप जैसे जांबाजों पर : मंत्री कटारुचक्क
मंत्री लाल चंद कटारुचक्क ने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल भानू प्रताप सिंह मनकोटिया जैसे जांबाजों के बलिदान पर देश को नाज है। यह सरहद पर जागते हैं तभी देश चैन की नींद सोता है। देश ऐसे शूरवीरों के बलिदान का कर्ज कभी चुका नहीं सकता। उन्होंने कहा इस दु:ख की घड़ी में पंजाब सरकार शहीद परिवार के साथ खड़ी है।

शहीद के परिजनों के हौंसले को परास्त नहीं होने देगी परिषद : कुंवर विक्की
परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की ने शहीद लेफ्टीनेंट कर्नल भानू प्रताप सिंह मनकोटिया के परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि उनकी परिषद इस दु:ख की घड़ी में उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी है। वह इनके हौंसले को परास्त नहीं होने देंगे। बेटे के चले जाने से परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूटा है। इस सदमे से उभरने के लिए परिवार को समय लगेगा। विक्की ने कहा देश का वीर सैनिक एक तरफ पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से लड़ रहा है, वहीं कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी देते हुए हर गर्मी सर्दी को अपने सीने पर झेलते हुए देशवासियों को चैन की नींद प्रदान कर रहा है। ऐसे वीर सपूतों का देश सदैव कर्जदार रहेगा।