शहीद कर्मवीर के परिजनों के हौंसले को परास्त नहीं होने देगी परिषद : कुंवर विक्की
अंतिम अरदास पर नम आंखों से स्मरण किए गए जांबाज सिपाही कर्मवीर
गुरदासपुर,(राजदार टाइम्स):
दस दिन पहले अरुणाचल के मडाला जी.जी क्षेत्र की ऊंची पहाडिय़ों पर अपनी ड्यूटी को कर्तव्य परायणता से निभाते हुए अपना बलिदान देने वाले ग्रेफ की 97 आर.सी.सी यूनिट के जांबाज सिपाही ओ.ई.एम कर्मवीर सिंह की अंतिम अरदास व श्रद्धांजलि समारोह गुरुद्वारा फलाही साहब में आयोजित किया गया। जिसमें शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र सिंह विक्की, विधायक अमनशेर सिंह शेरी कलसी के छोटे भाई सरपंच तरुण कलसी, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोकचक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, शहीद की माता अमरीक कौर, पिता करनैल सिंह बाजवा, पत्नी गुरमीत कौर, बेटा आनंदवीर सिंह, भाई महावीर सिंह, शाही लांस नायक डिप्टी सिंह सेना मेडल के भतीजे वरिंदर सिंह, पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद लांसनायक संदीप सिंह शौर्यचक्र के पिता जगदेव सिंह आदि ने विशेष तौर पर शामिल होकर इस शौर्यवीर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सर्वप्रथम श्री अखंड पाठ साहब जी का भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा बैरागमय कीर्तन कर शहीद को नमन किया गया। श्रद्घांजलि समारोह को संबोधित करते हुए कुंवर रविंद्र सिंह विक्की ने कहा कि दस दिन पहले सिपाही कर्मवीर सिंह के शहीद होने पर इस परिवार पर दु:खों का जो पहाड़ टूटा है, उस सदमे से उभरने के लिए परिवार को समय लगेगा क्योंकि इनका जख्म अभी ताजा है। उन्होंने कहा कि जिस घर का चिराग वतन पर कुर्बान हो जाता वो परिवार एक जिंदा लाश बन कर रह जाता है। ऐसे में सरकारों व प्रशासन का यह फर्ज बनता है कि इन शहीद परिवारों की सुध लें ताकि यह परिवार अपने लाडलों के बलिदान पर गर्व कर सकें। कुंवर विक्की ने कहा कि उनकी परिषद सिपाही कर्मवीर सिंह के परिजनों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। हम इनके हौसलों को कभी परास्त नहीं होने देंगे तथा वह सरकार से अपील करते हैं कि शहीद के पैतृक गांव दिवानीवाल कलां में उनकी याद में एक यादगिरी गेट बनवाया जाए तथा गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद कर्मवीर सिंह के नाम पर रखा जाए, ताकि क्षेत्र की युवा पीढ़ी इनके बलिदान से प्रेरणा लेकर अपने अंदर सेना में भर्ती होने का सपना पालें। इस अवसर पर परिषद द्वारा शहीद के परिजनों को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

इस मौके पर किसान संघर्ष कमेटी के प्रिंसिपल हरविंदर सिंह मसानियां, बाबा कर्मजीत सिंह, सरपंच सुखविंदर सिंह, सुरिंदर सिंह रंधावा, कुलदीप सिंह, बलविंदर सिंह, मुख्य सेवादार दलेर सिंह, कंवरदीप सिंह, शहीद की यूनिट से ओ.ई.एम नरेंद्र सिंह, संदीप कुमार, अर्जुन सिंह, गुरमीत सिंह, गुरदेव सिंह, पलविंदर सिंह व गुरप्रीत सिंह आदि उपस्थित थे।
देश की अमूल्य धरोहर हैं कर्मवीर जैसे सीमा प्रहरी : कलसी
विधायक अमनशेर सिंह शेरी कलसी के छोटे भाई सरपंच तरुण कलसी ने कहा कि शहीद सिपाही कर्मवीर सिंह जैसे जांबाज सीमा प्रहरी राष्ट्र की अमूल्य धरोहर हैं। हम सब इस धरोहर को अपने दिलों में संजो कर रखें और हमारे आने वाले कल के लिए अपना आज कुर्बान करने वाले इन वीर जवानों के परिजनों को बनता मान-सम्मान देकर इनके मनोबल को बढ़ाएं। उन्होंने कहा इस दु:ख की घड़ी में कलसी परिवार और मौजूदा सरकार बलिदानी परिवार के साथ खड़ी है। जिनके सपूत ने अपना बलिदान देकर जिले के गौरव को बढ़ाया है।
असहनीय होता है अपनों को खोने का दर्द : कैप्टन जोगिंदर
शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोकचक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह ने कहा कि अपने जिगर के टुकड़ों को खोने का दर्द असहनीय होता है। जिसे वह भली भांति महसूस कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने खुद अपना बेटा देश पर कुर्बान किया है और शहीद कर्मवीर सिंह के परिजनों को इस दर्द के साथ ही जीना सीखना होगा।