कहा, छोटी आयु में ही भिन्न नवाचारों पर कार्य करते हुए नन्हें नवाचारी भारत का सुनहरी भविष्य
देश भर से लिया लगभग एक सौ नवाचारियों ने भाग
तलवाड़ा,(राजदार टाइम्स/एसपी शर्मा): मेहनत लगन व दृढ़ संकल्प से हम किसी भी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया सर्वहितकारी तलवाड़ा के दसवीं के विद्यार्थी विक्रमजीत सिंह ने। आई.आई.टी के उन्नत भारत अभियान, नीति आयोग, ए.आई.सी.टी.ई तथा विद्या भारती के संयुक्त तत्वाधान से दिल्ली में टेकथॉन-2024 का आयोजन किया गया। जिसमें देश भर से लगभग एक सौ नवाचारियों ने भाग लिया। कुल 507 अटल टिंकरिंग लैब के 100 नवाचारियों के चयन हेतु नीति आयोग भारत सरकार ने भिन्न-भिन्न प्रकल्पों पर कार्य किया था। एसडी सर्वहितकारी विद्या मंदिर तलवाड़ा के दशम के विद्यार्थी विक्रमजीत सिंह का चयन प्रथम नवाचारियों में हुआ। जिसने तीन दिन आई.आई.टी दिल्ली की भिन्न-भिन्न लैब तथा वहां के विभागों तथा इंफ्रास्ट्रक्चर को समझने का प्रयास किया।
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टेकथॉन के उद्घाटन पर्व पर ऐ.आई.सी.टी.ई के वाईस चेयरमैन अभय जेरे ने विद्या भारती के विद्यार्थियों की प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए कहा कि छोटी आयु में ही भिन्न-भिन्न नवाचारों पर कार्य करते हुए नन्हें नवाचारी भारत का सुनहरी भविष्य हैं। नीति आयोग भारत सरकार की अटल टिंकरिंग लैब के प्रोग्राम डायरेक्टर दीपाली उपाध्याय ने विद्या भारती के साथ अनुबंध करते हुए कहा कि स्किल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब सामाजिक स्थानीय समस्याओं के समाधान का उपयुक्त स्रोत है। विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महामंत्री देसराज शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान जो देश भर में अपने औपचारिक व अनौपचारिक 24 हजार विद्यालय संचालित करती है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा अटल टिंकरिंग लैब के 507 लैब विद्या भारती को प्राप्त है जो विद्यार्थियों को तकनीकी नवाचार के लिए प्रेरित करते हैं। दिल्ली के आई.आई.टी में आयोजित यह कार्यक्रम भी देश भर से चयनित नवाचारियों को एक एक्स्पोजऱ देने के उद्देश्य से रखा गया है। जिसका उन्हें भविष्य में बहुत लाभ प्राप्त होगा तथा विद्यार्थी देश की टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे। प्रो.डॉ.वी.के विजय राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर उन्नत भारत अभियान ने विद्यार्थियों को कहा कि हमें उन तकनिकों को निर्मित करना है जो भविष्य के भारत को सशक्त, स्वावलम्बी व तकनिकी रूप से सक्षम तथा आत्मनिर्भर बना सके।