हारटा बडला,(राजदार टाइम्स): सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ.पवन कुमार के दिशा-निर्देशों और सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ.मनप्रीत सिंह बैंस के नेतृत्व में विश्व निमोनिया दिवस 2024 के थीम” हर सांस की गिनती निमोनिया को उसके ट्रैक में ही रोकें” तहत आज सीएचसी हारटा बडला में “विश्व निमोनिया दिवस” मनाया गया। यह विषय हर सांस के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर देता है और समय पर पता लगाने, प्रभावी उपचार और निवारक उपायों के माध्यम से निमोनिया से निपटने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। अधिक जानकारी देते हुए डॉ.मनप्रीत सिंह बैंस ने कहा कि हर साल 12 नवंबर को “विश्व निमोनिया दिवस” मनाया जाता है जो निमोनिया के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए समर्पित है। यह दिन निमोनिया के प्रभाव पर जोर देता है। खासकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों में, जो सबसे अधिक असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि निमोनिया एक सांस की गंभीर बीमारी है जो फेफड़ों को प्रभावित करती है। निमोनिया कई संक्रामक रोगाणुओं के कारण होता है, जिनमें वायरस, बैक्टीरिया शामिल हैं। निमोनिया के मुख्य लक्षण सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द, हरा या पीला बलगम निकलना, थकान, बुखार,पसीना, सांस लेने में तकलीफ आदि हैं।

इस अवसर पर उपस्थित बच्चों के विशेषज्ञ डॉ.कुलवंत रॉय ने कहा कि निमोनिया बच्चों को बहुत अधिक प्रभावित करता है, जैसे बच्चों में भूख न लगना, खांसी, बुखार, तेजी से सांस लेना, सुस्ती या अधिक नींद आना, सांस लेते समय सीने में भारीपन, तेज बुखार आदि  इसके मुख्य लक्षण हैं। इसलिए इस बीमारी से बच्चे को बचाने के लिए नवजात शिशुओं को जन्म के एक घंटे के भीतर मां का दूध और 06 महीने तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। इसके अलावा स्वच्छ पेयजल का उपयोग और हाथों को साफ सुथरा रखा जाये। बच्चों का पूर्ण टीकाकरण करें, ठंड से बचाव के लिए बदलते मौसम में बच्चे के शरीर को गर्म/ऊनी कपड़ों से ढकें, बच्चों को घर पर नंगे पैर जमीन पर न चलने दें। घर में धूम्रपान बंद करने से बच्चों को निमोनिया से बचाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि रोकथाम योग्य और इलाज योग्य बीमारी होने के बावजूद, निमोनिया पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। चिकित्सा अधिकारी डॉ.नवप्रीत कौर ने कहा कि निमोनिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हिदायतों का पालन करना चाहिए। जिसमें मुख्य रूप से सिगरेट का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे निमोनिया होने का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखनी चाहिए, क्योंकि निमोनिया से पीड़ित रोगी के कीटाणु दूसरे लोगों को साँस द्वारा प्रभावित करते है। इसलिए व्यक्ति को अपने आस-पास और हाथों की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नियमित रूप से साबुन से हाथ धोने से उन कीटाणुओं को फैलने से रोकने में मदद मिलती है जो निमोनिया जैसे श्वसन संक्रमण का कारण बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें घरेलू उपचार में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि निमोनिया के लक्षणों को पहचानकर मरीज को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाना चाहिए। इस मौके पर डॉ.कृतिका, डॉ.मनदीप कौर, डॉ.संदीप कुमार, डॉ.रिचा, डॉ.साहिलदीप व अन्य स्टाफ मौजूद रहा।