कहा, करना पड़ रहा है किसानों को भारी मुश्किलों का सामना
धान खरीद का उचित प्रबंध न होने के चलते आज भी किसान अपनी धान की फसल को बेचने को लेकर चिंतित
भंगाला,(राजदार टाइम्स):
सरकार धान की खरीद एवं डीएपी खाद की उपलब्धता यकीनी बनाने बारे दावे तो बहुत करती है, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। धान खरीद का उचित प्रबंध न होने के चलते आज भी किसान अपनी धान की फसल को बेचने को लेकर चिंतित है। यह शब्द बातचीत करते हुए क्षेत्र के किसान, गांव जलाला के पूर्व सरपंच अनिल राणा, सरपंच बलविंदर सिंह ने भरे मन से कहे। उन्होंने कहा कि अब जबकि गेंहू की बिजाई का समय शुरू हो चूका है, लेकिन किसानों का अभी भी धान खेतों में खड़ा है। ऊपर से गेंहू की बिजाई के लिए डीएपी खाद नहीं मिल रही। जिसने किसानों की और परेशानियां बड़ा दी है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए धान बेचने की परेशानी अभी खत्म नहीं हुई है, गेंहू की बिजाई के लिए डीएपी खाद की समस्या खड़ी हो गई है। क्षेत्र की कुछ सोसाईटियों में थोड़ी सी खाद सरकार ने भेजी है, लेकिन वह भी कुछ एक को छोड़ अधिकतर सोसाईटियों में सही ढंग से वितरण न होने से बड़े-बड़े रसूखदार किसानो को तो मिल गई, मगर छोटे किसानो को नहीं मिल पाई। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपनी सोसाईटी से खाद बारे सम्पर्क किया तो पता चला की खाद खत्म हो गई है। उन्हें तो यह समझ नहीं आ रही कि सोसाईटी में खाद आई कब और समाप्त कब हो गई। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि वह जल्द किसानो को डीएपी खाद उपलब्ध करवाए ताकि, अगेती किसम की गेंहू की बिजाई समय पर हो सके। उन्होंने कहा कि मुकेरियां में वाईपास बनाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी, जिसके लिए लगभग अढ़ाई साल पहले 11 गांवों में वाईपास के लिए जगह का सर्वे कर उसे चिन्हित कर जिन किसानों की जमीन इस में आई थी। उस जमीन की रजिस्ट्रियों में रोक लगा दी गई थी, लेकिन अढ़ाई साल का समय गुजर जाने के बाद भी उपरोक्त किसानों की जमीन एक्वायर नहीं की गई और न ही उन्हें इसका मुआबजा मिला। जिस कारण किसान अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए न तो अपनी जमीन की रजिस्ट्री करवा सकते है, ना ही बैंक में आड़ रहन रख लोन ले सकते है। जिस कारण किसानों को भारी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। अनिल राणा ने केंद्र व पंजाब सरकार से मांग की कि किसानो की उपरोक्त समस्या का जल्द समाधान निकाल उन्हें राहत दी जाए। इस समय पर सुनील कुमार सदस्य पंचायत, धर्मेंद्र सिंह, फौजा सिंह, हरिंदर सिंह काहलों, कर्म चंद, गुरमेल कंग आदि भी उपस्थित थे।