डिप्टी कमिश्नर ने संभावित बाढ़ से निपटने के लिए अलग-अलग विभागों के अधिकारियों की लगाई जिम्मेदारी
अधिकारियों को सभी जरुरी प्रबंध अग्रिम तौर पर करने की दी हिदायत
एस.डी.एम्ज को सैक्टर लैवल प्लान तैयार कर तैयारियां करने के लिए कहा
अधिकारियों को निर्देश देते हुए सितंबर तक मोबाइल फोन बंद न करने की हिदायत की
जिला, तहसील व सब तहसील स्तर पर फ्लड कंट्रोल रुम देंगे सेवाएं
जिला स्तरीय कंट्रोल रुम जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में किया स्थापित, लोग फोन नंबर 01882-220412 कर सकते हैं संपर्क
होशियारपुर,(राजदार टाइम्स): डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने कहा कि बरसातों के कारण संभावित बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से मुकम्मल तैयारियां कर ली गई है और अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियां सौंपी जा चुकी है। वे आज जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में संभावित बाढ़ से निपटने के लिए अलग-अलग विभागों के अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जून से सितंबर तक भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बने रहने की संभावना होती है, इस लिए इस निपटने के लिए अग्रिम प्रबंध बहुत जरुरी है।ऐसे हालातों का सामना करने के लिए एकजुटता व तालमेल के साथ काम करने की जरुरत है। डिप्टी कमिश्नर ने समूह एस.डी.एम्ज को सब-डिविजन स्तर पर सैक्टर प्लान बनाने के साथ-साथ पुलिस के तालमेल से सैक्टर आफिसर नियुक्त करने के लिए कहा। इसके अलावा उन्होंने ट्रेंड डाइवर व स्वीमर को भी पहले चिन्हित करने के निर्देश दिए ताकि जरुरत पडऩे पर इनका सहयोग लिया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि संभावित बाढ़ वाले इलाके में लोगों को साफ सुथरा पानी मुहैया करवाने के लिए अग्रिम प्रबंध कर लिए जाएं। उन्होंने अधिकारी को सौंपी गई ड्यूटी को तनदेही व जिम्मेदारी से निभाने के लिए कहा, ताकि बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए कोई मुश्किल न आ सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ के सीजन के दौरान जून से सितंबर तक किसी भी अधिकारी का मोबाइल फोन बंद नहीं होना चाहिए, बल्कि 24 घंटे के लिए चालू रहना चाहिए। इसके अलावा उनकी बिना आज्ञा के कोई भी अधिकारी बाढ़ के इस सीजन में उनकी बिना मंजूरी के छुट्टी नहीं करेगा और न ही अपना स्टेशन छोड़ेगा। इस दौरान उन्होंने टांडा, दसूहा व मुकेरियां सब-डिविजन के अंतर्गत प्रभावित होने वाले गांवों के लिए एस.डी.एम. टांडा, दसूहा व एस.डी.एम. मुकेरियां को संयुक्त तौर पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के सीजन के दौरान यह भी यकीनी बनाया जाए कि चोअ के नजदीक बच्चे नहाने से गुरेज करें। बाढ़ के सीजन के दौरान बच्चों का चोअ में नहाना बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस संबंधी अग्रणी प्रबंध करने के निर्देश दिए। डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने एस.डी.एम्ज को निर्देश दिए कि बरसातों में शहरी व ग्रामीण इलाकों के जिन स्थानों पर ज्यादा पानी आता है, वहां पर उसकी निकासी के भी उचित प्रबंध पहले से कर लिए जाएं, जिसमें नगर निगम, परिषद व ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग को पूरा सहयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने एस.डी.एम्ज व ड्रेनेज विभाग के अधिकारियों को कहा कि वे अपने-अपने अंतर्गत आते प्रभावित गांवों का चुनाव करने के साथ-साथ दरियाओं, धुस्सी बांध के किनारों को दुरु स्त करवाने के अलावा उचित स्थानों को जल्दी रिपेयर करवाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जिला स्तर, तहसील व सब तहसील स्तर पर फ्लड कंट्रोल रुम भी स्थापित कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर फ्लड कंट्रोल रुम जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में स्थापित किया जाएगा, जिसका फोन नंबर 01882-220412 है। कोमल मित्तल ने ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हिदायत करते हुए कहा कि संभावित बाढ़ के दौरान जहां डाक्टर की ड्यूटी लगाई जाए, वहीं दवाईयों का भी प्रबंध यकीनी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि बरसातों के दौरान दूषित पानी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग खास तौर पर चौकन्ना रहे। इसके अलावा उन्होंने संबंधित विभाग को नौकाओं, लाइफ जैकेट व बाढ़ की स्थिति संबंधी उपयोग की जाने वाली मशीनरी के अग्रिम तौर पर जांच करने की भी हिदायत की। उन्होंने बाढ़ जैसे हालात के दौरान पशु पालन विभाग को पशुओं के लिए भी उचित प्रबंध करने के लिए कहा। उन्होंने एस.डी.एम्ज को समाज सेवी व सामाजिक संस्थाओं का चुनाव करने के अलावा गांव में मेहनती व्यक्तियों की पहचान करने के लिए कहा, ताकि ऐसे हालात का सामना करने के लिए इनका सहयोग लिया जा सके। इस मौके पर अन्य व विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।