जो लौट के घर ना आए….
गुरबाज जैसे जांबाजों के अमर बलिदानों की बदौलत ही देश की सरहदें महफूज : विधायक कलसी
दूसरे बलिदान दिवस पर स्मरण किए गए गुरबाज
बटाला,(राजदार टाइम्स): भारतीय सेना की 62 मीडियम रेजीमेंट के सिपाही गुरबाज सिंह का दूसरा बलिदान शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की की अध्यक्षता में गांव मसानियां के संत बाबा फौजा सिंह के गुरुद्वारा साहब में आयोजित किया गया। जिसमें विधायक अमनशेर सिंह शैरी कलसी बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की माता हरजीत कौर, पिता रिटायर्ड नायब सूबेदार गुरमीत सिंह, दादा लाल सिंह, दादी स्वर्ण कौर, एसपी पृथीपाल सिंह, डीपीआरओ हरजिंदर सिंह कलसी, शहीद की यूनिट के नायब सूबेदार नवतेज सिंह, शहीद लांसनायक संदीप सिंह शौर्यचक्र के पिता जगदेव सिंह, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद कांस्टेबल मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही अमरजीत सिंह की पत्नी इंद्रजीत कौर, शहीद हवलदार राजिंदर सिंह की पत्नी मनदीप कौर आदि ने विशेष तौर पर शामिल होकर इस शौर्यवीर को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम श्री आखंड पाठ साहब का भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा बैरागमय कीर्तन कर इस शूरवीर के बलिदान को नमन किया। श्रद्धांजलि समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यातिथि विधायक अमनशेर सिंह शैरी कलसी ने कहा कि शहीद सिपाही गुरबाज सिंह जैसे जांबाजों के शौर्य व अमर बलिदानी के सदके ही इस देश की सरहदें महफूज हैं। उन्होंने कहा कि जो इंसान पैदा हुआ है, उसने एक दिन इस दुनिया को अलविदा कह के जाना है। कई राजे, पीर पैगम्बर इस धरती पर आए और चले गए मगर इस देश के लिए जो अपने प्राणों की आहुति दे जाता है उसे सदियों तक याद रखा जाता है, ऐसे जांबाज मरते नहीं अमर हो जाते हैं। विधायक ने कहा कि शहीदों को जन्म देने वाली माएं विरली ही होती हैं जो अपने जिगर के टुकड़ों को राष्ट्र की बलिवेदी पर कुर्बान कर शहीद की माँ कहलाने का गौरव प्राप्त करती हैं, इनके चरणों में मैं कोटि-कोटि शीश झुकाता हूँ। विधायक कलसी ने कहा कि शहीद परिवारों की संभाल करने वाली पंजाब की एकमात्र गैर राजनीतिक संस्था शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की के जज्बे को वह दिल से सैल्यूट करते हैं जो नि:स्वार्थ भावना से पिछले लंबे समय से जगह-जगह शहीदों की याद में इस तरह के श्रद्धांजलि समारोह आयोजित कर देश की भावी पीढ़ी में देशभक्ति के अलख प्रज्जवलित कर रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिवार सहित 6 अन्य शहीद परिवारों को शाल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर शहीद की यूनिट के नायब सूबेदार बचित्तर सिंह, सूबेदार दलविंदर सिंह, नायब सूबेदार रावेल सिंह, नायब सुबेदार नवतेज सिंह, हवलदार रंजीत सिंह, हवलदार सुखदेव सिंह, हवलदार कुलदीप सिंह, 2 मीडियम रेजीमेंट के कैप्टन सतनाम सिंह, सूबेदार गुरनाम सिंह, सूबेदार कर्म सिंह, सूबेदार जसबीर सिंह, सरपंच गुरविंदर सिंह, प्रिंसिपल राकेश कुमार आदि उपस्थित थे।
देशभक्ति दिखाने के लिए वर्दी की जरूरत नहीं : कुंवर विक्की
कुंवर रविंदर विक्की ने कहा अक्सर लोगों की यह धारणा है कि इस देश को बचाने का ठेका सैनिकों ने लेकर रखा है वो सरहद पर शहीद होते रहें और हम अपने घरों में चैन की नींद सोते रहें। उन्होंने कहा कि देशभक्ति दिखाने के लिए सेना की वर्दी की जरूरत नहीं होती, जिस भी क्षेत्र में आप कार्यरत हो अपना काम ईमानदारी से करके एक सैनिक की भूमिका निभाते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकते हो। कुंवर विक्की ने कहा कि सिपाही गुरबाज सिंह अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे और 23 वर्ष की अल्पायु में उन्होंने अपना बलिदान देकर यह साबित कर दिया कि देशभक्ति दिखाने के लिए उमर लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस गांव की बलिदानी मिट्टी को नमन करते हैं। जिसने अपने तीन वीर सैनिक देश की बलिवेदी पर कुर्बान कर शहीदों का गांव कहलाने का गौरव प्राप्त किया।
विधायक कलसी ने यादगिरी गेट बनवा बढ़ाया शहीद परिवार का मनोबल
कुंवर विक्की ने कहा कि जब भी एक सैनिक देश पर कुर्बान होता है उसके अंतिम संस्कार के मौके पर राजनेताओं द्वारा कई तरह की घोषणाएं की जाती हैं मगर समय के साथ सभी वायदे सरकारी फाइलों में दफन होकर रह जाते हैं और शहीद परिवार खुद को ठगा महसूस करते हैं। मगर विधायक अमनशेर सिंह शैरी कलसी पिछले साल जब सिपाही गुरबाज सिंह के प्रथम बलिदान दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में शामिल हुए तो शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद ने इस वीर सैनिक की याद में एक यादगिरी गेट बनवाने व गांव के सरकारी स्कूल का नाम इस शहीद के नाम पर रखने की मांग रखी तो विधायक कलसी ने उसी दिन गांव के प्रवेश द्वार पर यादगिरी गेट का शहीद परिवार से ही नींव पत्थर रखवा काम शुरू करवा दिया। आज वो भव्य यादगिरी गेट बन कर तैयार हो चुका है। वहीं साल के भीतर ही विधायक कलसी ने गांव के सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल का नाम भी शहीद के नाम पर करवा शहीद परिवार के मनोबल को बढ़ाया। विक्की ने कहा अन्य राजनेताओं को भी विधायक कलसी की कार्यशैली से प्रेरणा लेनी चाहिए, हमारी परिषद इसके लिए इनका दिल से आभार व्यक्त करती है।