नववर्ष पर कश्मीर की वादियों से आज भी सुनाई देती है कपिल के शौर्य की गूंज : कुंवर विक्की
गुरदासपुर,(राजदार टाइम्स): जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ सैक्टर में पाक प्रशिक्षित आतंकियों से लड़ते हुए कुर्बान होने वाले सेना की 3 डोगरा रैजीमेंट के सिपाही कपिल देव शर्मा का 18वां बलिदान दिवस प्रिंसिपल कमला देवी की अध्यक्षता में शहीद के नाम पर बने सरकारी मिडल स्मार्ट स्कूल गांव पंडोरी बैंसा में आयोजित किया गया। जिसमें शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा बलिदानी की माता राम प्यारी, पिता जोधराज शर्मा, बहन कृष्णा देवी, भाभी ममता देवी, भतीजा अभिमन्यु वैद व भतीजी समृद्धि वैद, बलिदानी लेफ्टीनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, पुलवामा हमले के बलिदानी कांस्टेबल मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, बलिदानी सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, स्कूल के पूर्व वाईस प्रिंसीपल दर्शन कुमार, इंडियन एक्स सर्विसमैन लीग के ब्लॉक अध्यक्ष सूबेदार मेजर मदन लाल शर्मा आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर बलिदानी सैनिक को भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की। सर्वप्रथम मुख्यातिथि व अन्य मेहमानों ने बलिदानी के चित्र के समक्ष ज्योति प्रज्वलित व पुष्पांजलि अर्पित करके कार्यक्रम का आगाज किया। समारोह को संबोधित करते हुए कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि 18 वर्ष पहले जब सारा देश नए साल के जश्न में मग्न था तो इस गांव का 24 वर्षीय रणबांकुरा सिपाही कपिल देव शर्मा आतंकियों से लड़ते हुए अपना बलिदान देकर बलिदानी सैनिकों की श्रेणी में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा अपनी कर्तव्य परायणता की अद्भुत मिसाल कायम करते हुए अपना सैन्य धर्म निभाकर देशवासियों को यह संदेश दे गया कि एक सैनिक के लिए राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि होती है। उन्होंने कहा कि कश्मीर की उन बर्फीली वादियों में कपिल के शौर्य की गूंज उसके बलिदान के 18 वर्षों बाद आज भी सुनाई देती है। कुंवर विक्की ने कहा कि कपिल हमेशा अपनी मां से कहा करता था कि माँ जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए और तेरा बेटा एक दिन ऐसा काम कर जायेगा कि सारा देश उस पर गर्व करेगा और आखिर एक दिन सिपाही कपिल देव ने अपनी कही हुई बातों को अपना बलिदान देकर सच्च कर दिखाया। उन्होंने कहा कि बलिदानी सैनिकों के नाम पर बने स्कूलों का रुतबा एक मन्दिर के सम्मान होता है तथा वो छात्र व अध्यापक भी खुशकिस्मत होते है। जिन्हें इस स्कूल में सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। इस लिये सभी छात्र व अध्यापकों का यह फर्ज बनता है कि वह स्कूल के गेट पर नतमस्तक होकर ही अंदर प्रवेश करें। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा बलिदानी के परिजनों सहित पांच अन्य बलिदानी परिवारों को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। मंच संचालन का दायित्व वाइस प्रिंसिपल (रिटा:) दर्शन कुमार व मैडम सुखजीत कौर ने बाखूबी निभाया। छात्रों ने देश भक्ति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबकी आंखें नम कर दीं। इस मौके पर सूबेदार मेजर डीके शर्मा, सूबेदार बंसी लाल, नायब सूबेदार प्रदीप शर्मा, नायब सूबेदार नरेश कुमार, नायब सूबेदार जागीर सिंह, नायक रंजीत सिंह, नायक मोहन लाल, नायक प्रदीप कुमार, मास्टर राजवंत सिंह, रमेश शर्मा, मैडम सुखजीत कौर, दलजीत कौर, ऋचा, प्राइमरी विंग की हेड टीचर सुनीता देवी, रेणु बाला, सोनिया, रुप्रीत कौर, बविता आदि उपस्थित थे।
बेटे के बलिदान को कमजोरी नहीं अपनी ताकत बनाए बलिदानी परिवार : कैप्टन जोगिंदर
बलिदानी लेफ्टीनेंट नवदीप सिंह सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह ने कहा कि अपने जिगर के टुकड़े को खोने का दर्द कया होता है। वो भली भांति महसूस कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने खुद अपना बेटा देश पर कुर्बान किया है। उन्होंने कहा कि बलिदानी परिवार अपने बेटे के बलिदान को अपनी कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत बनाएं ताकि देश व समाज उन पर गर्व कर सके।
खुशकिस्मत हूँ कि बलिदानी के नाम पर बने स्कूल की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ : प्रिंसिपल कमला देवी
प्रिंसिपल कमला देवी ने आये मेहमानों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वह बहुत ही खुशकिस्मत हैं कि उन्हें एक बलिदानी सैनिक के नाम पर बने विद्यालय में सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।